Zor Ki Barsaat Hui Lyrics – जुबिन नौटियाल | ईशा मालवीय |अभिषेक मलहन

Zor Ki Barsaat Hui Lyrics – जुबिन नौटियाल | ईशा मालवीय |अभिषेक मलहन

Zor Ki Barsaat Hui Lyrics- “ज़ोर की बरसात हुई” गाने के बोल जुबिन नौटियाल द्वारा लिखे गए हैं और यह हाल ही में हिंदी गाना रिलीज़ हुआ है। इस गाने में अभिषेक मल्हान और ईशा मालविया फीचर हैं। इसे रोचक कोहली ने संगीत दिया है जबकि गुरप्रीत सैनी ने “ज़ोर की बरसात हुई” के बोल लिखे हैं जो गीत की भावनात्मक गहराई को बेहतरीन तरीके से परिपूर्ण करते हैं। T-Series के यूट्यूब चैनल पर “ज़ोर की बरसात हुई” के गीत की भावनात्मक गहराई को अन्वेषित करने के लिए बने रहें।

Zor Ki Barsaat Hui Lyrics – जुबिन नौटियाल | ईशा मालवीय |अभिषेक मलहन

ज़ोर की बरसात हुई गीत

कल बड़े ज़ोर की बरसात हुई
कल बड़े ज़ोर की बरसात हुई
मेरी तुमसे पहली पहली मुलाक़ात हुई
मेरी तुमसे पहली पहली मुलाक़ात हुई
हाँ बारिश तो बस एक बहाना था
तेरे जो नज़दीक आना था
आँखों से तेरी जो आँखें मिलीं
मेरी साँसे थम गई
चुप रहे नज़रों से सारी बात हुई
चुप रहे नज़रों से सारी बात हुई
मेरी तुमसे पहली पहली मुलाक़ात हुई
मुलाक़ात हुई
हाँ बरसात हुई
मुलाक़ात हुई
हाँ सारा शहर सो रहा था
तुम थे कोई मस्ती में
जैसा कोई चाँद खोया हो
तारों के बस्ती में

नैनो में तेरे साथ थी
अपनी भी थोड़ी शराफत थी
लेकिन जो दिल में थी चाहत छुपी
होठों पे आ गई

इस तरह फिर प्यार की शुरुआत हुई
इस तरह फिर प्यार की शुरुआत हुई
मेरी तुमसे पहली पहली मुलाकात हुई
मेरी तुमसे पहली पहली मुलाकात हुई

रेशम सी ये तू और ये सावन महीना
दिल मेरा जाए पिगल ये कहीं ना
बूंदे लपेटे हुए हैं बदन पे
तू बदों से चुरा के

जाए जिधर तू नज़र मेरी जाए
क्या डर गर तू जिगर ले भी जाए
दीवानेपन की हदों से गुज़र गई
दिल की ये लगी

बेकारारी में ही आधी रात हुई
बेकारारी में ही आधी रात हुई
मेरी तुमसे पहली पहली मुलाक़ात हुई
मुलाक़ात हुई
जो बरसात हुई मुलाक़ात हुई।

Zor Ki Barsaat Hui Lyrics

Kal bade zor ki barsaat hui
Kal bade zor ki barsaat hui
Meri tumse pehli pehli mulakaat hui
Meri tumse pehli pehli mulakaat hui

Han Barish to bas ek bahana tha
Tere jo nazdeek aana tha
Ankhon se teri jo ankhe mili
Meri sanse tham gayi

Chup rahe nazron se sari baat hui
Chup rahe nazro se saari baat hui
Meri tumse pehli pehli mulakaat huyi
Mulakaat hui
Han barsaat hui
Mulakaat hui

Han saara shaher so raha tha
Tum the koi masti mein
Jaise koi chand khoya ho
Taron ke basti mein

Naino me tere sahrarat thi
Apni bhi thodi sharafat thi
Lekin jo dil me thi chahat chhupi
Hoton pe aa gayi

Is tarah fir pyaar ki shuruaat hui
Is tarah fir pyar ki shuruaat hui
Meri tumse pehli pehli mulakaat hui
Meri tumse pehli pehli mulakaat hui

Resham si ye tu aur ye sawan mahina
Dil mera jaye pigal ye kahi naa
Boonde lapete hue hai badan pe
Tu badaon se chura ke

Jaaye jidhar tu nazar meri jaye
Kya darr gar tu jigar le bhi jaye
Diwanepan ki hadon se guzar gayi
Dil ki ye lagi

Bekarari me hi aadhi raat hui
Bekarari mein hi aadhi raat hui
Meri tumse pehli pehli mulakaat hui
Mulakaat hui
Jo barsaat hui mulakaat hui.

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