Zanjeer: फिल्म “जंजीर” भारतीय सिनेमा की एक ऐसी फिल्म है जिसने न सिर्फ अमिताभ बच्चन के करियर को एक नया आयाम दिया, बल्कि बॉलीवुड में एंग्री यंग मैन की छवि को जन्म दिया। यह फिल्म 1973 में आई थी और इसके बाद अमिताभ बच्चन रातों-रात सुपरस्टार बन गए। हालांकि, इस फिल्म में अमिताभ को मुख्य भूमिका मिलना और फिर इस फिल्म का भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर साबित होना, दोनों ही बातें एक दिलचस्प कहानी हैं। आइए जानते हैं, कैसे अमिताभ बच्चन को “जंजीर” में रोल मिला और इस फिल्म की पृष्ठभूमि के कुछ रोचक पहलू।
1. फिल्म “जंजीर” की कहानी का प्रारंभ
“जंजीर” की कहानी के लेखक थे सलीम-जावेद, जो उस समय के सबसे प्रसिद्ध स्क्रिप्ट राइटर जोड़ी में से एक थे। सलीम खान और जावेद अख्तर ने मिलकर कई बड़ी हिट फिल्में दीं, लेकिन “जंजीर” एक अलग ही तरह की फिल्म थी। इस फिल्म की कहानी एक पुलिस ऑफिसर की थी, जो न्याय के लिए अपने तरीके से लड़ता है। यह कहानी उस समय की अन्य फिल्मों से बिल्कुल अलग थी, जिसमें रोमांस और गाने का बड़ा रोल होता था। “जंजीर” की कहानी सीधी-सादी लेकिन दमदार थी, जिसमें एक्शन, इमोशन और न्याय की भावना मुख्य थी।
2. अमिताभ बच्चन का संघर्षपूर्ण दौर
1973 से पहले अमिताभ बच्चन ने कई फिल्मों में काम किया था, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। “सात हिंदुस्तानी” और “बांबई टू गोवा” जैसी फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया था, लेकिन वो बॉलीवुड के मुख्यधारा के हीरो नहीं बन पाए थे। उनकी फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही थीं और निर्माता-निर्देशक भी उन्हें एक बड़ा सितारा नहीं मानते थे। इसी दौरान जब “जंजीर” की स्क्रिप्ट तैयार थी, तो सलीम-जावेद ने कई बड़े अभिनेताओं से संपर्क किया, लेकिन उन्हें लगातार अस्वीकृति मिली।
3. “जंजीर” के लिए अन्य अभिनेताओं का इनकार
फिल्म “जंजीर” के मुख्य किरदार विजय के लिए पहले धर्मेंद्र को साइन किया गया था। धर्मेंद्र उस समय के सबसे बड़े एक्शन हीरो थे और उनकी छवि इस रोल के लिए पूरी तरह फिट बैठती थी। लेकिन किसी कारणवश धर्मेंद्र ने यह फिल्म करने से मना कर दिया। इसके बाद राज कुमार, देव आनंद, और दिलीप कुमार जैसे बड़े अभिनेताओं से संपर्क किया गया, लेकिन किसी ने भी इस फिल्म को करने में रुचि नहीं दिखाई। सभी को इस फिल्म की थीम और गाने-रोमांस से दूर कहानी पसंद नहीं आई।
4. सलीम-जावेद का अमिताभ पर विश्वास
जब सभी बड़े सितारे इस फिल्म को ठुकरा रहे थे, तब सलीम खान और जावेद अख्तर की नजर अमिताभ बच्चन पर पड़ी। सलीम-जावेद ने अमिताभ की प्रतिभा को पहचान लिया था और उन्हें यकीन था कि यह भूमिका अमिताभ के लिए परफेक्ट होगी। उन्होंने अमिताभ को फिल्म के निर्देशक प्रकाश मेहरा से मिलवाया और फिल्म में काम करने के लिए उनका समर्थन किया।
5. प्रकाश मेहरा का अमिताभ को चुनना
प्रकाश मेहरा उस समय तक अमिताभ को एक गंभीर अभिनेता के रूप में नहीं देखते थे, क्योंकि उनकी पहले की फिल्में सफल नहीं रही थीं। लेकिन सलीम-जावेद के जोर देने पर उन्होंने अमिताभ से मुलाकात की और उनकी फिल्मों की क्लिप्स देखी। अमिताभ की कद-काठी, गंभीरता और उनकी आवाज ने प्रकाश मेहरा को प्रभावित किया। उन्होंने इस भूमिका के लिए अमिताभ को साइन किया, लेकिन यह एक बड़ा जोखिम था क्योंकि उस समय तक अमिताभ बच्चन कोई बड़ा नाम नहीं थे।
6. फिल्म की शूटिंग और अमिताभ की मेहनत
“जंजीर” की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन ने अपनी भूमिका को पूरी गंभीरता से निभाया। फिल्म में उनके किरदार का नाम विजय खन्ना था, जो एक ईमानदार और सख्त पुलिस अधिकारी था। अमिताभ ने अपनी भाव-भंगिमाओं से इस किरदार को जीवंत कर दिया। फिल्म के सेट पर भी उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से सबका दिल जीत लिया। फिल्म की कहानी के मुताबिक, विजय एक शांत, लेकिन अंदर से आग से भरा हुआ इंसान था, जिसे अमिताभ ने बखूबी निभाया। उनकी दमदार आवाज, गंभीर चेहरा, और उनके शरीर की भाषा ने उन्हें ‘एंग्री यंग मैन’ की छवि में ढाल दिया।
7. जया भादुरी के साथ रोमांटिक एंगल
फिल्म में जया भादुरी (अब जया बच्चन) ने भी अहम भूमिका निभाई थी। उनकी और अमिताभ की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया। फिल्म में उनका किरदार इतना बड़ा नहीं था, लेकिन उनके और अमिताभ के बीच की केमिस्ट्री ने फिल्म को एक अलग ही ऊंचाई दी। इसके बाद अमिताभ और जया ने कई और फिल्मों में साथ काम किया और यह जोड़ी बॉलीवुड की सफल जोड़ियों में से एक बन गई।
8. “जंजीर” की रिलीज और सफलता
जब “जंजीर” 1973 में रिलीज़ हुई, तो इसे दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे गाड़ दिए और अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बना दिया। “जंजीर” के बाद से ही अमिताभ को ‘एंग्री यंग मैन’ का टैग मिला, जो उनके करियर के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। फिल्म ने न सिर्फ अमिताभ के करियर को एक नई दिशा दी, बल्कि बॉलीवुड के चलन को भी बदल दिया। उस समय तक ज्यादातर फिल्में रोमांस और मेलोड्रामा पर आधारित होती थीं, लेकिन “जंजीर” के बाद एक्शन और गंभीर विषयों पर आधारित फिल्मों का चलन शुरू हो गया।
9. अमिताभ और सलीम-जावेद की जोड़ी
“जंजीर” की सफलता के बाद, सलीम-जावेद और अमिताभ की जोड़ी ने कई हिट फिल्में दीं, जिनमें “शोले”, “दीवार”, “त्रिशूल”, और “डॉन” जैसी फिल्में शामिल हैं। इन फिल्मों ने अमिताभ को बॉलीवुड का सबसे बड़ा सितारा बना दिया और सलीम-जावेद को सबसे सफल लेखक-निर्देशक की जोड़ी के रूप में स्थापित किया।
10. “जंजीर” का बॉलीवुड पर प्रभाव
“जंजीर” ने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी। इस फिल्म ने एक्शन और सामाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों के लिए रास्ता खोल दिया। इसके साथ ही, यह फिल्म उस समय की सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों को भी दर्शाती थी, जब देश में भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले नायकों की मांग थी। अमिताभ बच्चन का किरदार विजय खन्ना उस समय के युवाओं के आदर्श बन गए, जो अपने संघर्षों के खिलाफ खड़े होकर न्याय की लड़ाई लड़ने का सपना देख रहे थे।