Tahalka: जाने आखिर धनमेंद्र और शत्रुधन सिन्हा को फिल्म “तहलका” में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

Tahalka: जाने आखिर धनमेंद्र और शत्रुधन सिन्हा को फिल्म "तहलका" में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

Tahalka: फिल्म “तहलका” 1992 में रिलीज़ हुई एक बहुचर्चित एक्शन-एडवेंचर फिल्म है, जिसे अनिल शर्मा ने निर्देशित किया था। यह फिल्म अपने समय में बड़ी स्टार कास्ट और दिलचस्प कहानी के लिए जानी जाती है। फिल्म में धर्मेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा, नसीरुद्दीन शाह, और मिथुन चक्रवर्ती जैसे बड़े कलाकारों ने अभिनय किया था। इस फिल्म की कहानी, इसका निर्माण और विशेष रूप से धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा को इसमें रोल कैसे मिला, इसके पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है।

“तहलका” का कॉन्सेप्ट और निर्माण

अनिल शर्मा, जो एक बड़े निर्देशक माने जाते थे, एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते थे जो देशभक्ति, एक्शन, और साहसिकता को एक साथ लेकर आए। उनके मन में एक ऐसे फिल्म का विचार था जो मनोरंजक होने के साथ-साथ सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को भी उठाए। 1990 के दशक में भारतीय फिल्मों में देशभक्ति और राष्ट्रवाद पर आधारित कई फिल्में बनीं, और “तहलका” उसी लहर का हिस्सा थी।

Tahalka: जाने आखिर धनमेंद्र और शत्रुधन सिन्हा को फिल्म "तहलका" में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

फिल्म की कहानी एक काल्पनिक देश ‘कांगिस्तान’ के तानाशाह ‘डोंग’ (अमरीश पुरी) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो दुनिया में आतंक फैलाने का सपना देखता है। फिल्म में भारतीय सेना की एक विशेष टास्क फोर्स को डोंग और उसकी सेना को हराने के लिए भेजा जाता है। इस मिशन के नेता के रूप में धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के किरदार प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

धर्मेंद्र को रोल कैसे मिला

धर्मेंद्र उस समय के सबसे बड़े और लोकप्रिय अभिनेताओं में से एक थे, और वे अपने एक्शन-हीरो की छवि के लिए जाने जाते थे। “तहलका” एक एक्शन फिल्म थी, और इसके लिए एक ऐसे नायक की जरूरत थी जो दमदार और प्रभावी हो। धर्मेंद्र के पास पहले से ही इस तरह के किरदार निभाने का अनुभव था, जैसे कि “शोले”, “चाचा भतीजा” और “कातिलों का कातिल” जैसी फिल्मों में उनके एक्शन किरदारों ने उन्हें एक मजबूत और साहसी हीरो के रूप में स्थापित किया था।

अनिल शर्मा ने धर्मेंद्र को अपनी फिल्म के लिए चुना क्योंकि वह जानते थे कि धर्मेंद्र के बिना इस तरह की एक्शन फिल्म अधूरी होगी। फिल्म में धर्मेंद्र का किरदार मेजर कृष्णा राव था, जो भारतीय सेना का एक बहादुर अधिकारी होता है और अपनी टीम का नेतृत्व करता है। इस भूमिका के लिए धर्मेंद्र ने तुरंत हामी भर दी क्योंकि उन्हें देशभक्ति और एक्शन फिल्में करना बेहद पसंद था।

धर्मेंद्र ने खुद भी कई बार इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें हमेशा ऐसे किरदार पसंद आए हैं जो देश की सेवा करते हैं और जो कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते। “तहलका” की स्क्रिप्ट सुनने के बाद उन्होंने बिना किसी झिझक के इस फिल्म का हिस्सा बनने का फैसला किया।

शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री

शत्रुघ्न सिन्हा, जो उस समय अपने दमदार संवादों और विशिष्ट अंदाज के लिए जाने जाते थे, ने भी फिल्म “तहलका” में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिल्म में उनका किरदार मेजर काबुल सिंह का था, जो मेजर कृष्णा राव (धर्मेंद्र) के साथ मिलकर डोंग के खिलाफ लड़ाई लड़ता है।

शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री इस फिल्म में भी काफी रोचक रही। अनिल शर्मा ने जब फिल्म की कास्टिंग शुरू की, तो उनके दिमाग में शत्रुघ्न सिन्हा का नाम पहले से था। शत्रुघ्न सिन्हा ने पहले भी कई एक्शन फिल्मों में काम किया था, और उनकी पर्सनैलिटी और दमदार डायलॉग डिलीवरी फिल्म के लिए परफेक्ट थी।

अनिल शर्मा के अनुसार, वह चाहते थे कि फिल्म में दो मजबूत और कद्दावर एक्टर हों, जो एक-दूसरे के साथ अच्छे से मुकाबला कर सकें और एक्शन सीन्स को दमदार बना सकें। शत्रुघ्न सिन्हा और धर्मेंद्र की जोड़ी ने इससे पहले भी कई फिल्मों में काम किया था, जैसे कि “दोस्त” और “काला पत्थर”, इसलिए उनकी जोड़ी को दर्शकों ने हमेशा सराहा था।

शत्रुघ्न सिन्हा ने स्क्रिप्ट सुनने के बाद तुरंत फिल्म के लिए हां कह दी, क्योंकि उन्हें यह फिल्म अपने देशभक्ति और एक्शन के तत्वों की वजह से बहुत खास लगी। उनके अनुसार, फिल्म की कहानी में जिस तरह से साहस, दोस्ती और देशभक्ति को दिखाया गया था, वह उन्हें बेहद प्रभावित कर गई।

शूटिंग के दौरान दिलचस्प अनुभव

फिल्म की शूटिंग के दौरान कई दिलचस्प घटनाएं हुईं, जिनमें धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच का तालमेल सबसे खास था। धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों अपने मजाकिया और चुलबुले स्वभाव के लिए जाने जाते हैं, और सेट पर भी उनका यही अंदाज देखने को मिला।

धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच एक बेहतरीन दोस्ती थी, और उन्होंने एक-दूसरे के साथ शूटिंग के दौरान कई मजेदार पल बिताए। फिल्म के एक्शन सीन्स, जो कि खतरनाक और जोखिम भरे थे, को दोनों अभिनेताओं ने बड़े साहस के साथ किया। फिल्म में एक बड़ा सीन था, जिसमें उन्हें दुश्मन के ठिकाने पर हमला करना था। इस सीन के दौरान दोनों ने असली हथियारों का इस्तेमाल किया और खुद स्टंट किए।

फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा ने एक बार एक इंटरव्यू में बताया कि धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों ही सेट पर बहुत अनुशासित थे, और उन्होंने हमेशा एक-दूसरे का साथ दिया। दोनों के बीच का सामंजस्य फिल्म में भी देखने को मिला, और इसने उनके किरदारों को और भी प्रभावी बना दिया।

फिल्म की सफलता और दर्शकों की प्रतिक्रिया

“तहलका” अपने समय की एक बड़ी फिल्म थी, जिसमें देशभक्ति, एक्शन और मनोरंजन का सही मिश्रण था। धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के किरदारों ने दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। दोनों अभिनेताओं ने अपनी दमदार अदाकारी से फिल्म को एक अलग स्तर पर पहुंचाया।

फिल्म की रिलीज़ के बाद, इसे आलोचकों और दर्शकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। हालांकि, फिल्म के एक्शन सीन्स, विशेष रूप से धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा के प्रदर्शन को खूब सराहा गया। अमरीश पुरी के द्वारा निभाया गया डोंग का किरदार भी बेहद प्रभावी था और फिल्म का एक प्रमुख आकर्षण बना।

फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औसत प्रदर्शन कर पाई, लेकिन इसके संवाद, एक्शन सीन्स और देशभक्ति की भावना ने इसे एक कल्ट फिल्म बना दिया। धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा की जोड़ी को इस फिल्म में विशेष रूप से सराहा गया, और दोनों ने अपने अभिनय से फिल्म को यादगार बना दिया।

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