SAD SHAYARI: आँसू जो खामोशी में बहते हैं, शायरी बनकर दिल से निकलते हैं

SAD SHAYARI: आँसू जो खामोशी में बहते हैं, शायरी बनकर दिल से निकलते हैं

SAD SHAYARI: शायरी में दर्द और तन्हाई की भावनाएँ झलकती हैं। ये अल्फ़ाज़ दिल के जख्मों को बयाँ करते हैं। अक्सर मोहब्बत में हुए धोखे या जुदाई की पीड़ा को शायरी के ज़रिए महसूस किया जाता है। इस दर्द भरे एहसास को शब्दों में ढालकर मन को सुकून मिलता है और खुद से जुड़ाव महसूस होता है।

1. वहम से भी खत्म हो जाते हैं अक्सर रिश्ते
कसूर हर बार गलतियों का नहीं होता

2. एक दिन हम भी मर जाएंगे
सब गिले-शिकवे खत्म हो जाएंगे

3. दिल लगाके ठुकराए हुए लोग हैं हम..!!!
अफ़सोस कीजिए, किनारा कीजिए, सबक लीजिए..

4. मोहब्बत तुमसे करके
मोहब्बत ज़ाया कर दी मैंने

5. हर जुदाई का सबब बेवफाई ही नहीं होता
कुछ जुदाई का सबब एक-दूसरे की भलाई भी है

6. हंस तो रहे हैं दुनिया के रूबरू लेकिन
एक उदासी है जो हलक तक भरी हुई है¡!

7. फकत उम्मीद रहती है तमन्नाओं के मरकज़ में!
वो कब मिलते हैं जिनको रात-दिन हम याद करते हैं…

8. उससे कहना, तुम्हारी बददुआओं का असर हो गया है
अब मैं अक्सर बीमार रहता हूँ

9. क्यों ना आँखों को खोद कर देखें…
कि इतने आँसू कहाँ से आते हैं..

10. और फिर तुम मेरी दस्तरस में थे ही कब?
एक खुशफ़हमी ही थी जो बस खुशफ़हमी ही रही!

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