Naajayaz: जाने आखिर अजय देवगन को फिल्म “नाजायज़” में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

Naajayaz: जाने आखिर अजय देवगन को फिल्म "नाजायज़" में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

Naajayaz: अजय देवगन, जो अपने दमदार अभिनय और एक्शन के लिए मशहूर हैं, ने 1990 के दशक में बॉलीवुड में एक मजबूत पहचान बनाई। उनकी कई फिल्में उनके करियर के मील के पत्थर साबित हुईं, और उनमें से एक थी 1995 में रिलीज़ हुई फिल्म “नाजायज़”। इस फिल्म ने अजय के करियर में एक अलग ही ऊँचाई दी, जिसमें उन्होंने अपने अभिनय का एक नया पक्ष दिखाया। फिल्म की कहानी, इसका सामाजिक संदेश, और अजय के अभिनय ने इसे एक यादगार फिल्म बना दिया। आइए जानते हैं कि कैसे अजय देवगन को इस फिल्म में रोल मिला और फिल्म की कुछ दिलचस्प बातें।

फिल्म “नाजायज़” की पृष्ठभूमि

“नाजायज़” का निर्देशन मशहूर फिल्ममेकर महेश भट्ट ने किया था, जो अपने समाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों के लिए जाने जाते थे। इस फिल्म में अजय देवगन और जूही चावला मुख्य भूमिका में थे, जबकि नसीरुद्दीन शाह ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। फिल्म की कहानी सामाजिक और नैतिक मुद्दों पर आधारित थी, और इसमें पिता-पुत्र के जटिल संबंधों को दर्शाया गया था।

महेश भट्ट, जो हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण और भावनात्मक रूप से गहरी कहानियाँ प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं, ने “नाजायज़” में एक ऐसी कहानी पेश की जो समाज के दकियानूसी विचारों और पारिवारिक संबंधों को सवालों के घेरे में खड़ा करती है।

Naajayaz: जाने आखिर अजय देवगन को फिल्म "नाजायज़" में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

अजय देवगन को रोल कैसे मिला

अजय देवगन ने 1990 में फिल्म “फूल और कांटे” से अपने करियर की शुरुआत की और जल्दी ही उन्होंने अपने दमदार एक्शन और गंभीर अभिनय से दर्शकों के बीच अपनी जगह बना ली। महेश भट्ट, जो हमेशा नए और प्रतिभाशाली कलाकारों को अवसर देने के लिए जाने जाते थे, ने अजय की फिल्मों में उनके अभिनय को देखा और महसूस किया कि वह उनके फिल्म “नाजायज़” के लिए एकदम उपयुक्त होंगे।

फिल्म में अजय को विक्रम नाम के एक युवक का किरदार निभाना था, जो अपनी पहचान की तलाश में है। यह किरदार न केवल इमोशनल था, बल्कि इसमें एक्शन और ड्रामा का भी मिश्रण था। महेश भट्ट चाहते थे कि इस किरदार को निभाने वाला अभिनेता सिर्फ एक्शन हीरो नहीं, बल्कि एक गंभीर कलाकार भी हो। अजय, जो अपनी गहरी आँखों और शांत स्वभाव के लिए मशहूर थे, इस रोल के लिए परफेक्ट थे।

अजय को इस फिल्म की कहानी और अपने किरदार की गहराई बेहद पसंद आई, और उन्होंने तुरंत इस प्रोजेक्ट के लिए हामी भर दी। उनके लिए यह किरदार चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि इसमें उन्हें सिर्फ एक्शन नहीं, बल्कि इमोशनल और पारिवारिक रिश्तों की जटिलता को भी पर्दे पर लाना था।

फिल्म की कहानी

“नाजायज़” की कहानी समाज के उस पक्ष को उजागर करती है, जिसे अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। फिल्म में अजय देवगन ने विक्रम नाम के युवक की भूमिका निभाई है, जो एक पुलिस अधिकारी है। विक्रम को यह पता चलता है कि वह नाजायज़ औलाद है, और यह रहस्य उसकी ज़िंदगी में भूचाल ले आता है।

फिल्म की शुरुआत विक्रम की मजबूत और ईमानदार पुलिस अधिकारी के रूप में होती है, जो समाज में न्याय और सच्चाई के लिए लड़ता है। लेकिन जब उसे अपने पिता की पहचान के बारे में सच्चाई का पता चलता है, तो उसकी दुनिया हिल जाती है। नसीरुद्दीन शाह ने विक्रम के पिता, शंकर का किरदार निभाया है, जो एक बिजनेसमैन हैं और विक्रम के जन्म से पहले ही उसकी माँ को छोड़ चुके हैं।

शंकर का किरदार एक ऐसा व्यक्ति है जो अपने अतीत की गलती से भाग रहा है, और विक्रम उसकी जिंदगी में एक बार फिर से आता है, जिससे वह अपने किए का सामना करने पर मजबूर हो जाता है। जूही चावला ने फिल्म में विक्रम की प्रेमिका सीमा का किरदार निभाया है, जो उसकी इस जटिल यात्रा में उसके साथ खड़ी रहती है।

पिता-पुत्र का जटिल रिश्ता

फिल्म की मुख्य धुरी विक्रम और उसके पिता शंकर के बीच के रिश्ते पर टिकी हुई है। विक्रम अपने पिता से नफरत करता है क्योंकि उसने उसे और उसकी माँ को छोड़ दिया था। लेकिन जब उसे अपने पिता की असलियत का सामना करना पड़ता है, तो उसकी भावनाएं और भी जटिल हो जाती हैं। वह न केवल अपने पिता से हिसाब मांगता है, बल्कि उसकी अपनी पहचान और समाज में उसकी स्थिति पर भी सवाल उठते हैं।

शंकर के रूप में नसीरुद्दीन शाह ने एक ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाई है जो अपने अतीत की गलतियों से भागने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जब उसका बेटा उससे जवाब मांगता है, तो वह अपने गुनाहों का सामना करने के लिए तैयार होता है। यह फिल्म पिता-पुत्र के रिश्ते की कड़वाहट और अंत में मिलने वाली माफी को बहुत ही संवेदनशील ढंग से पेश करती है।

फिल्म के महत्वपूर्ण दृश्य

अजय देवगन का इमोशनल प्रदर्शन: फिल्म में कई ऐसे दृश्य हैं जहाँ अजय का इमोशनल प्रदर्शन देखने लायक है। खासकर वह दृश्य जहां विक्रम अपने पिता के सामने खड़ा होकर उसे उसकी गलतियों के बारे में बताता है, अजय ने इस सीन को बेहद गहराई से निभाया है।

विक्रम और शंकर का टकराव: जब विक्रम को पता चलता है कि उसका पिता कौन है, तो वह सीधे उसके पास जाकर उससे जवाब मांगता है। यह सीन न केवल कहानी का महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि इसमें अजय और नसीरुद्दीन शाह के बीच की टकराव भी देखने लायक है।

माँ की पीड़ा: विक्रम की माँ, जिसे रेखा ने निभाया है, का किरदार फिल्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है। उसने अपने बेटे को अकेले पाला और उसे समाज के ताने झेलने पड़े। उसकी पीड़ा और उसका संघर्ष फिल्म में एक मजबूत भावना लेकर आता है।

फिल्म की दिलचस्प बातें

अजय देवगन की गहरी और गंभीर भूमिका: “नाजायज़” में अजय ने अपने एक्शन हीरो की छवि से हटकर एक इमोशनल और गंभीर किरदार निभाया। इस फिल्म ने साबित किया कि अजय केवल एक्शन हीरो नहीं, बल्कि एक बहुमुखी अभिनेता हैं जो किसी भी जटिल किरदार को निभा सकते हैं।

नसीरुद्दीन शाह का दमदार अभिनय: नसीरुद्दीन शाह, जो अपने उत्कृष्ट अभिनय के लिए जाने जाते हैं, ने इस फिल्म में भी अपनी छाप छोड़ी। शंकर के रूप में उनका प्रदर्शन फिल्म का मुख्य आकर्षण था।

महेश भट्ट की संवेदनशीलता: महेश भट्ट ने इस फिल्म के जरिए समाज के उन मुद्दों को उजागर किया, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है। उन्होंने पिता-पुत्र के रिश्ते को एक नई दृष्टि से दिखाया।

फिल्म की सफलता और प्रतिक्रिया

“नाजायज़” बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और दर्शकों और समीक्षकों दोनों ने इसे सराहा। अजय देवगन के अभिनय की खासतौर पर तारीफ हुई, और इस फिल्म ने उन्हें एक गंभीर अभिनेता के रूप में स्थापित किया। फिल्म की कहानी, उसका संदेश और उसके किरदारों की जटिलता ने इसे उस समय की प्रमुख फिल्मों में शामिल कर दिया।

फिल्म “नाजायज़” ने अजय देवगन के करियर को एक नया आयाम दिया। इस फिल्म के जरिए उन्होंने यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ एक एक्शन हीरो नहीं, बल्कि एक संवेदनशील और गंभीर अभिनेता भी हैं। महेश भट्ट के निर्देशन और नसीरुद्दीन शाह के शानदार अभिनय ने इस फिल्म को और भी खास बना दिया।

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