Love Shayari: मानव जीवन की आत्मा और सबसे सुंदर भावना

Love Shayari: जीवन बदलता है, लेकिन व्यक्ति बदलता है हमेशा

Love Shayari: प्यार मानव जीवन की आत्मा है। इसके बिना दुनिया ठंडी और सुनी-सुनाई लगती है। भगवान ने हमें विभिन्न भावनाएँ दी हैं, और प्यार इनमें से सबसे सुंदर है। यह एक ऐसा भाव है जिसे हम सभी ने कभी न कभी अपने जीवन में अनुभव किया है। प्यार न केवल हमारी खुशियों को बढ़ाता है, बल्कि हमारे जीवन को भी अर्थपूर्ण बनाता है। यह जीवन की एक अनमोल धरोहर है, जो हमें आपसी संबंधों में गहराई और समझ प्रदान करता है। प्यार के बिना, जीवन की रंगीनियाँ फीकी पड़ जाती हैं।

1. यूँ चरागों को जलाकर न बुझाया होता
वादा जब कर ही लिया था तो निभाया होता
रूठे रहने की कसम कहाँ मैंने खाई थी
मान जाता मै अगर तुमने मनाया होता..!!

2. जब प्यार नही है तो भुला क्यों नही देते
ख़त किस लिए रखे हो जला क्यों नही देते
किस वास्ते लिखा है हथेली पे मेरा नाम
मै आदमी गलत हूँ तो मिटा क्यों नही देते

3. उसने एक बार भी पूछा नही कैसा हूँ मै
जिन्दगी जिसके लिए हार के बैठा हूँ मै
फूल होने की क्या खूब सजा दी मुझको
शाख से काट के गुलदान में रक्खा हूँ मै
इस सलीके से क़त्ल किया उसने मेरा
दुनिया अब भी समझ रही है की जिन्दा हूँ मै..!!

4. मै क्या करु मेरे सिर का दर्द नही जाता
ये क्यूँ राह में बैठा है घर नही जाता
और देख ले तेरे बाद भी जिन्दा है
कस्मो के मुताबिक तो अब तक मर जाता..!!

Love Shayari: मानव जीवन की आत्मा और सबसे सुंदर भावना

5. मै तो डरता था पहली दफा बात तूने की थी
मुझे सपने दिखाकर इश्क की शुरुआत तूने की थी
और अब कांटे ही लगेंगे, जब पेड़ काँटों का बोया है
तेरे चक्कर में न जाने कितने यारो को खोया है
हाथ जोड़ता हूँ मेरे अपने लौटा दो
मेरे माँ बाप के टूटे हुए सपने लौटा दो
और तु कौन मै कौन, बुलंद ये नारा करते है
तेरे इश्क और मेरी मोहब्बत का चल बंटवारा करते है..!!

6. उसके एक इशारे पर मै मौत से भी लड़ जाता था
वो कहता था ये करना है और मै वो कर जाता था
आज अगर वो मर भी जाये तो भी फर्क नही पड़ता
जिसका जवाब ना आने पर दिल जख्मो से भर जाता था
जलन नही थी खौफ था मुझको उसके जुदा हो जाने का
वो जिससे हंस कर मिलता था मै दिल में डर जाता था
आज इशारे पर उसको फुटपाथ पे देख के याद आया
ये था जिसको घर पहुंचा कर मै अपने घर जाता था..!!

7. जिन्दा रहने के लिए मिल जाए सहारा कोई
हमें तो चाहिए, हम सा हमारा कोई
तुम क्या जानोगे रातो का तड़पना क्या है
तुम सा बिछड़ा ही नही जान से प्यारा कोई

8. फिर यु हुआ की बात जुदाई तक आ गई
खुद को तेरे मिजाज में ढाला नही गया
और तूने कहा तो तेरी तमन्ना भी छोड़ दी
तेरी किसी भी बात को टाला नही गया..!!

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