Love Shayari: प्रेम एक गहन भावना है जो समय और स्थान से परे है, आत्माओं को एक अदृश्य धागे से बांधती है। यह दिलों के बीच एक शाश्वत नृत्य है, जो स्नेह, प्रतिबद्धता और समझ की विशेषता है। प्रेम असंख्य रूपों में प्रकट होता है – पहली मुलाकात के भावुक रोमांस से लेकर आजीवन भागीदारों के गहरे, स्थायी साथ तक। यह रचनात्मकता को प्रेरित करता है, घावों को भरता है और विकास को बढ़ावा देता है। अपनी जटिलताओं और चुनौतियों के बावजूद, प्रेम मानव अनुभव का एक मूलभूत हिस्सा बना हुआ है, जो व्यक्तियों को संबंध और अर्थ की तलाश करने के लिए प्रेरित करता है। यह एक अभयारण्य और एक यात्रा दोनों है, जो समान रूप से सांत्वना और उत्साह प्रदान करता है।
1. हम उम्मीदों की दुनिया बसाते रहे,
वो भी पल-पल हमें आजमाते रहे
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया
हम मर गये और वो मुस्कुराते रहे !!
2. कुछ तो जला होगा, यु बेवजह धुआ तो ना हुआ होगा
की कुछ तो जला होगा, यु बेवजह धुआ तो ना हुआ होगा
जिसे डरते है ख्वाब में देखने से भी
वो हादसा हकीकत में कैसे हुआ होगा
मेरा हाथ कापते है उसकी तस्वीर को छूते हुए
ए दोस्त वो गैर के साथ हम बिस्तर कैसे हुआ होगा
और होकर हम बिस्तर अठीला के जो तु आ रहा है-2
दूर हो जा मुझसे, तुझसे रकीब की बू आ रही है
3. हस्ती मिट जाती है आशिया बनाने में
बहुत मुश्किल होती है अपनो को समझाने में
एक पल में किसी को भुला मत देना
क्योकि जिन्दगी लग जाती है किसी को अपना बनाने में !!
4. इतना क्यों सजाया है खुद को, कुछ अलग बात है क्या
इतना करीब क्यों आ रही हो, हिज्र की रात है क्या
घर में बहुत चहल-पहल है खुशियों का सौगात है क्या
ये क्या देख रही हो खिड़की में से, तुम्हारी बारात है क्या
बिस्तर से खुश्बू कुछ जानी- पहचानी आ रही है-2
मेरे गुलदस्ते का गुलाब है क्या !!
5. ये कैसा सितम था उनका
कुछ पल के मोहब्बत के लिए मुझे सालो अजमाया गया
उन्होंने पहले मेरी फांसी मुकरर कर दी
अदालत मुझे बाद में ले जाया गया !!
6. मेरे घर की दीवारे ये दरवाजा बोलता है
पुकारता है तुझे वापस आ जा बोलता है
मेरे घर की दीवारे ये दरवाजा बोलता है
पुकारता है तुझे वापस आ जा बोलता है
दिल कुछ इस तरह से हुकूमत चलता है मुझ पर
जैसे अपनी प्रजा से कोई राजा बोलता है !!
7. नतीजे मेरी मोहब्बत के कुछ खास तो आये नहीं
प्यार से कुछ अक्षर कहे थे मैंने रास तो आये नही
नतीजे मेरी मोहब्बत के कुछ खास तो आये नहीं
प्यार से कुछ अक्षर कहे थे मैंने रास तो आये नही
तु कहती है तेरे जिस्म से आती है खुश्बू मेरे इत्र की
मै कहता हु मेरे रकीब ने चुराया होगा, शायद
क्योकि हम पास तो आये नहीं !!
8. तेरे बदलते मिजाज बता गया कोई
तेरी जुल्फे सवारने का अंदाज़ बता गया कोई
तेरे बदलते मिजाज बता गया कोई
तेरी जुल्फे सवारने का अंदाज़ बता गया कोई
और हमें लगा था तेरी मखमली होठो पर हक़ सिर्फ हमारा है
पर आज तेरी लिपिस्टक का स्वाद बता गया कोई !!