Love Shayari: मोहब्बत की शायरी दिल के जज्बातों को बयां करने का सबसे हसीन तरीका है। इसमें इश्क़ की मिठास, प्यार का एहसास और जुदाई का दर्द सबकुछ समाया होता है। शायरी के अल्फ़ाज़ सीधे दिल से निकलते हैं और दिल तक ही पहुंचते हैं। प्यार भरी शायरी न केवल दिल को सुकून देती है, बल्कि प्रेमी-प्रेमिका के रिश्ते को और गहरा बना देती है। चाहे वो पहली मुलाकात की खुमारी हो या बिछड़ने की कसक, शायरी हर भाव को बखूबी पेश करती है। इसलिए मोहब्बत और शायरी का रिश्ता अनमोल और अद्भुत है।
1. युद्ध की प्रतिध्वनि जगाकर
जो हज़ारों बार दुहराई गई,
रक्त की विरुदावली कुछ और रँगकर
लोरियों के संग जो गाई गई—
उसी इतिहास की स्मृति,
उसी संसार में लौटे हुए,
ओ योद्धा, तुम कौन हो?
2. मैं नवागत वह अजित अभिमन्यु हूँ
प्रारब्ध जिसका गर्भ ही से हो चुका निश्चित,
अपरिचित ज़िंदगी के व्यूह में फेंका हुआ उन्माद,
बाँधी पंक्तियों को तोड़
क्रमशः लक्ष्य तक बढ़ता हुआ जयनाद:
3. मेरे हाथ में टूटा हुआ पहिया,
पिघलती आग-सी संध्या,
बदन पर एक फूटा कवच,
सारी देह क्षत-विक्षत,
धरती-ख़ून में ज्यों सनी लथपथ लाश,
सिर पर गिद्ध-सा मँडरा रहा आकाश…
4. अच्छी नहीं ये ख़ामुशी शिकवा करो गिला करो
यूँ भी न कर सको तो फिर घर में ख़ुदा ख़ुदा करो
5. शोहरत भी उस के साथ है दौलत भी उस के हाथ है
ख़ुद से भी वो मिले कभी उस के लिए दुआ करो
6. देखो ये शहर है अजब दिल भी नहीं है कम ग़ज़ब
शाम को घर जो आऊँ मैं थोड़ा सा सज लिया करो
7. दिल में जिसे बसाओ तुम चाँद उसे बनाओ तुम
वो जो कहे पढ़ा करो जो न कहे सुना करो
8. मेरी नशिस्त पे भी कल आएगा कोई दूसरा
तुम भी बना के रास्ता मेरे लिए जगह करो
9. युद्ध की प्रतिध्वनि जगाकर
जो हज़ारों बार दुहराई गई,
रक्त की विरुदावली कुछ और रँगकर
लोरियों के संग जो गाई गई—
उसी इतिहास की स्मृति,
उसी संसार में लौटे हुए,
ओ योद्धा, तुम कौन हो?
10. मैं नवागत वह अजित अभिमन्यु हूँ
प्रारब्ध जिसका गर्भ ही से हो चुका निश्चित,
अपरिचित ज़िंदगी के व्यूह में फेंका हुआ उन्माद,
बाँधी पंक्तियों को तोड़
क्रमशः लक्ष्य तक बढ़ता हुआ जयनाद: