Love Shayari: दिल की गहराई से निकली भावनाओं का सुंदर अभिव्यक्ति

Love Shayari: दिल की गहराई से निकली भावनाओं का सुंदर अभिव्यक्ति

Love Shayari: प्रेम शायरी दिल की गहराई से निकलती भावनाओं का खूबसूरत अभिव्यक्ति होती है। यह शब्दों के माध्यम से प्रेम की मीठी बातें, दर्द, और खुशी को व्यक्त करती है। प्रेम शायरी हमें रिश्तों की सुंदरता और जटिलता को समझने में मदद करती है, और दिल को छूने वाला अहसास देती है।

1. दिल की ख़ामोशी से सांसो के ठहर जाने तक
याद आएगा वो शक्श मुझे मर जाने तक
और उसने उल्फत के भी पैमाने बना रखे थे
हमने चाहा था उसे हद से गुजर जाने तक !!

2. ना ख्याल था ना गुमान था
ना ख्याल था ना गुमान था
वो लोग मुझसे बिछड़ गये, मेरी ज़िन्दगी के आस थे
वो लो मुझसे बिछड़ गए
जो आज दिल को पसंद नही वही लोग है मेरे हम सफ़र
वो जो हर तरफ मुझे रास थे वो लोग मुझसे बिछड़ गये
ये ख्याल है सारा आरजू, ये गुलाब है सारे कागज़ी
वो जो मेरे दिल के नूर थे वो लोग मुझसे बिछड़ गए

Love Shayari: दिल की गहराई से निकली भावनाओं का सुंदर अभिव्यक्ति


3. तुम मेरी आखिरी मोहब्बत हो, इसके बाद जो भी होगी मज़बूरी होगी
और हम तो बच्चो के नाम सोच बैठे थे
हमें पूरा यकीन था हमारी शादी तुम्ही से होगी
लेकिन, लेकिन अब हमारा नाम बेवफाओ में गिना जायेगा
नए-नए मह्बुबो से हमारे भी मेल होंगे
और अब मोहब्बत नही मज़बूरी होगी, और मज़बूरी के नाम पर खेल होंगे !!

4. गम के मारे जो मुस्कुराये है, आंशुओ को भी पसीने आये है
दोस्ती, मोहब्बत, खलूस, हमने क्या-क्या फरेब खाया है
और क्या बला है ख़ुशी मालूम नही, हम तो बस नाम सुनते आये है
और जो रह गए थे दुश्मनों se खुमार, वो सितम दोस्तों ने धाये है

5. हमें ये गम प्यारा भी तो हो सकता था
अगर तुम चाहते तो एक दुसरे पर गुजारा भी तो हो सकता था
और जिन आंशुओ को बेकार समझ कर बहा दिया
वही अंशु आँख का तारा भी तो हो सकता था
और दो कश्तियो को बिच समंदर में याद आया-2
करना चाहते तो प्यार दोबारा भी तो हो सकता था
एक दुसरे पे गुजारा भी तो हो सकता था !!!

6. थाका हुआ था इस कदर की काँटों भरा बिस्तर पर सो गया
मैंने चाहा था जिसको अब वो किसी और का हो गया
ए खुदा उखाड़ फेक इससे पहले की पेड़ बन जाऊ
प्यार का वो बीज मेरे दिल में बो गया
और मुददतो संभाला था एक दर्द मैंने
दस्ता तुमने छेड़ी तो आज मै भी रो गया
मैंने चाहा था जिसको अब वो किसी और का हो गया

7. अब जब अकेला रहता हु
अब जब अकेला रहता हु
तेरा मिलना याद आता है
बेवफा ये तेरा चेहरा तेरी वोर खीच लता है!!

8. मुझे देख कर पलके झुकाती हो
कभी इन्हे खोल भी लिया करो
मुझे देख कर पलके झुकाती हो
कभी इन्हे खोल भी लिया करो
हर वक्त चेहरे पर खामोसी अच्छी नही लगती मेरी जान
मुस्कुरा कर ना सही, गुस्से में ही बोल लिया करो…

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