Love Shayari: प्रेम शायरी दिल की गहराइयों से निकलकर शब्दों में पिघलते एहसासों को बयां करती है। यह शायरी न केवल प्रेम की मिठास को उजागर करती है, बल्कि दिल की भावनाओं को भी खूबसूरती से शब्दों में पिरोती है। प्रेम शायरी की हर पंक्ति में प्रेमी की प्यारी चितवन, दिल की धड़कन, और एक दूसरे के बिना अधूरा होने की भावनाएं समाहित होती हैं।
शायरी के माध्यम से, प्रेमी अपनी भावनाओं को एक खास अंदाज में व्यक्त करता है, जो न केवल उसकी गहराई को दर्शाता है, बल्कि उसके प्रिय के दिल को भी छूता है। चाहे वह पहली मुलाकात की खुशबू हो या यादों की मीठी बातें, प्रेम शायरी में सब कुछ शामिल होता है।
1. हम उम्मीदों की दुनिया बसाते रहे,
वो भी पल-पल हमें आजमाते रहे
जब मोहब्बत में मरने का वक्त आया
हम मर गये और वो मुस्कुराते रहे !!
2. कुछ तो जला होगा, यु बेवजह धुआ तो ना हुआ होगा
की कुछ तो जला होगा, यु बेवजह धुआ तो ना हुआ होगा
जिसे डरते है ख्वाब में देखने से भी
वो हादसा हकीकत में कैसे हुआ होगा
मेरा हाथ कापते है उसकी तस्वीर को छूते हुए
ए दोस्त वो गैर के साथ हम बिस्तर कैसे हुआ होगा
और होकर हम बिस्तर अठीला के जो तु आ रहा है-2
दूर हो जा मुझसे, तुझसे रकीब की बू आ रही है
3. हस्ती मिट जाती है आशिया बनाने में
बहुत मुश्किल होती है अपनो को समझाने में
एक पल में किसी को भुला मत देना
क्योकि जिन्दगी लग जाती है किसी को अपना बनाने में !!
4. इतना क्यों सजाया है खुद को, कुछ अलग बात है क्या
इतना करीब क्यों आ रही हो, हिज्र की रात है क्या
घर में बहुत चहल-पहल है खुशियों का सौगात है क्या
ये क्या देख रही हो खिड़की में से, तुम्हारी बारात है क्या
बिस्तर से खुश्बू कुछ जानी- पहचानी आ रही है-2
मेरे गुलदस्ते का गुलाब है क्या !!
5. ये कैसा सितम था उनका
कुछ पल के मोहब्बत के लिए मुझे सालो अजमाया गया
उन्होंने पहले मेरी फांसी मुकरर कर दी
अदालत मुझे बाद में ले जाया गया !!
6. मेरे घर की दीवारे ये दरवाजा बोलता है
पुकारता है तुझे वापस आ जा बोलता है
मेरे घर की दीवारे ये दरवाजा बोलता है
पुकारता है तुझे वापस आ जा बोलता है
दिल कुछ इस तरह से हुकूमत चलता है मुझ पर
जैसे अपनी प्रजा से कोई राजा बोलता है !!