Love Shayari: प्रेम शायरी दिल की गहराइयों से निकली भावनाओं का अद्भुत संगम है, जो प्रेमी और प्रेमिका के बीच के अनमोल रिश्ते को बयां करती है। ये शायरी मोहब्बत के हर पहलू को छूती है—चाहे वो प्यार का इज़हार हो, इंतजार की कसक हो, या विरह की तड़प। प्रेम शायरी के शब्दों में एक खास मिठास होती है, जो सीधे दिल तक पहुंचती है। गुलजार, मिर्ज़ा ग़ालिब और निदा फ़ाज़ली जैसे शायरों की शायरी में प्रेम की गहराई और उसकी सच्चाई को बखूबी महसूस किया जा सकता है। यह शायरी दिल को सुकून देती है और आत्मा को छू लेती है।
1. तरीका और भी है इस तरह परखा नही जाता
चिरागों को हवा के सामने रखा नही जाता
तरीका और भी है इस तरह परखा नही जाता
चिरागों को हवा के सामने रखा नही जाता
मोहब्बत फैसला करती है पहले चंद लम्हों में
जहा पर इश्क होता है वहा सोचा नही जाता
2. इतना संगीन पाप कौन करे-2
मेरे दुःख पर बिलाप कौन करे
चेतना मर चुकी है लोगो की-2
पाप पर पश्त्चाप कौन करे!!
3. एक इधर मै हु की घरवालो से नाराजगी है-2
एक उधर तु है की गैरो का कहा मानती है
एक इधर मै हु की घरवालो से नाराजगी है
एक उधर तु है की गैरो का कहा मानती है
मै तुझे अपना समझ कर ही तो कुछ कहता हु
यार तु भी मेरी बातो का बुरा मानती है!!
4. प्यास के ज़िक्र को रखता हु जुदा पानी से
देखते रहते है दरिया मुझे हैरानी से
प्यार का ज़िक्र को रखता हू जुदा पानी से
देखते रहते है दरिया मुझे हैरानी से
और उनकी खातिर मै परेशान रहा करता हु
जिनको मतलब ही नही मेरी परेशानी से
5. दुश्मनी दिल की पुरानी चल रही है जान से-2
जो कभी मेरी थी रूह से, इमान से
पलट गया तकदीर का पन्ना भी उसके साथ- साथ
ना जाने दिल लग गया था किस बेईमान से!!
6. वो मोम लगाता है जब कोई काम होता है
जो उसका होता है समझो गुलाम होता है
किसी का होके दोबारा ना आना मेरी तरफ-2
मोहब्बत में हलाला हराम होता है!!