Lamhe: यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘लम्हे’ (1991) बॉलीवुड की सबसे यादगार फिल्मों में से एक है। इस फिल्म ने न केवल रोमांस की परिभाषा को एक नया आयाम दिया, बल्कि Shree devi के अभिनय करियर में भी इसे एक मील का पत्थर माना जाता है। आइए जानते हैं कि कैसे श्रीदेवी को यह भूमिका मिली और फिल्म से जुड़े दिलचस्प पहलू।
कैसे मिला श्रीदेवी को ‘लम्हे’ का रोल?
यश चोपड़ा ने फिल्म ‘लम्हे’ की स्क्रिप्ट लिखते समय मुख्य किरदार पल्लवी और पूजा के लिए किसी ऐसी अभिनेत्री की कल्पना की थी जो न केवल खूबसूरत हो, बल्कि उनकी आंखों और अभिनय में गहराई भी हो। यश चोपड़ा को यकीन था कि यह दोहरी भूमिका केवल श्रीदेवी ही निभा सकती हैं।
यश चोपड़ा ने जब इस फिल्म की कहानी श्रीदेवी को सुनाई, तो वह तुरंत राजी हो गईं। उन्हें पल्लवी और पूजा का किरदार इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे अपने करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण रोल्स में से एक बताया।
फिल्म की कहानी और श्रीदेवी की चुनौती
फिल्म ‘लम्हे’ की कहानी उम्र के अंतराल पर आधारित एक असामान्य प्रेम कहानी है। श्रीदेवी ने इसमें दो भूमिकाएं निभाईं – पल्लवी, जो एक खूबसूरत महिला है, और पूजा, जो उसकी बेटी है। दोनों किरदारों को निभाने के लिए श्रीदेवी को अलग-अलग शारीरिक हावभाव, व्यक्तित्व और भावनाओं को प्रदर्शित करना पड़ा।
पल्लवी का किरदार
पल्लवी का किरदार एक परिपक्व, आत्मनिर्भर और दिलकश महिला का था, जिसे नायक विरेंद्र प्रताप सिंह (अनिल कपूर) प्यार करता है। यह भूमिका श्रीदेवी के लिए आसान नहीं थी, क्योंकि उन्हें इसमें एक गंभीर और करिश्माई व्यक्तित्व को दिखाना था।
पूजा का किरदार
पूजा का किरदार एक चुलबुली और जीवंत लड़की का था, जो अपनी मां पल्लवी की तरह दिखती है। पूजा का नायक के प्रति प्यार दर्शकों के लिए एक भावनात्मक ट्विस्ट था। इस किरदार में श्रीदेवी ने अपनी मासूमियत और ऊर्जा से जान डाल दी।
श्रीदेवी का अनुभव
श्रीदेवी ने इस फिल्म के लिए कई महीनों तक कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपने किरदारों को अलग-अलग दिखाने के लिए संवाद अदायगी, हावभाव और डांस पर विशेष ध्यान दिया।
फिल्म का गाना ‘मोरी बांके चंचल’
फिल्म के प्रसिद्ध गाने ‘मोरी बांके चंचल’ की शूटिंग के दौरान श्रीदेवी ने अपनी नृत्य कला से सबका दिल जीत लिया। इस गाने में उनकी खूबसूरती और ग्रेस ने उन्हें बॉलीवुड की डांसिंग क्वीन बना दिया।
शूटिंग से जुड़े कुछ रोचक किस्से
- राजस्थान की लोकेशन:
फिल्म की शूटिंग राजस्थान के खूबसूरत महलों और रेगिस्तान में हुई थी। श्रीदेवी ने भारी लहंगे और गहनों में राजस्थान की गर्मी में भी शूटिंग की।
- यश चोपड़ा का भरोसा:
यश चोपड़ा ने फिल्म के हर सीन में श्रीदेवी पर पूरा भरोसा किया। उन्होंने कई बार कहा कि श्रीदेवी के बिना ‘लम्हे’ की कल्पना ही नहीं की जा सकती थी।
- अनिल कपूर के साथ केमिस्ट्री:
श्रीदेवी और अनिल कपूर की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा। हालांकि, फिल्म की कहानी एक विवादित विषय पर आधारित थी, लेकिन दोनों के अभिनय ने इसे खास बना दिया।
फिल्म को मिली प्रतिक्रिया
जब ‘लम्हे’ रिलीज हुई, तो इसे दर्शकों और आलोचकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली। कुछ लोगों ने इसकी असामान्य कहानी को सराहा, तो कुछ ने इसे विवादास्पद बताया। हालांकि, समय के साथ यह फिल्म एक कल्ट क्लासिक बन गई।
श्रीदेवी को मिले पुरस्कार
‘लम्हे’ में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए श्रीदेवी को कई पुरस्कार मिले, जिनमें फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड भी शामिल है।
‘लम्हे’ की विरासत
आज भी ‘लम्हे’ को बॉलीवुड की बेहतरीन फिल्मों में गिना जाता है। श्रीदेवी की अदाकारी ने इस फिल्म को अमर कर दिया। उनकी पल्लवी और पूजा के किरदारों को भारतीय सिनेमा में एक मिसाल के रूप में देखा जाता है।
फिल्म ‘लम्हे’ ने यह साबित किया कि श्रीदेवी न केवल एक खूबसूरत अभिनेत्री थीं, बल्कि एक बेहतरीन कलाकार भी थीं। यश चोपड़ा और श्रीदेवी का यह सहयोग भारतीय सिनेमा के लिए एक अनमोल तोहफा था। ‘लम्हे’ को देखना आज भी एक यादगार अनुभव है, जो हर सिनेमा प्रेमी के दिल में श्रीदेवी के योगदान की गूंज को जीवित रखता है।