साल 1999 में जब डायरेक्टर सुब्बा राव Pyaar Koi Khel Nahin बना रहे थे तो उन्हें एक ऐसे अभिनेता की तलाश थी जो गंभीरता और मजबूती के साथ रोमांटिक किरदार को निभा सके। कहानी में इमोशन और एक्शन दोनों थे इसलिए उन्हें एक ऐसे चेहरे की जरूरत थी जो इन दोनों पहलुओं को एक साथ संभाल सके।
Sunny Deol पर क्यों गई सबकी नजर
फिल्म की कहानी में एक भाई का किरदार था जो अपने छोटे भाई और उसके प्यार के लिए अपनी कुर्बानी देता है। इस रोल के लिए सनी देओल सबसे उपयुक्त माने गए क्योंकि वे पहले ही गदर और घायल जैसी फिल्मों से अपनी छवि एक जिम्मेदार और बलिदानी भाई के रूप में बना चुके थे। उनकी गंभीर आवाज और दमदार अभिनय ने मेकर्स का ध्यान खींचा।
धर्मेंद्र की सिफारिश ने बदली कहानी
कहते हैं कि सनी देओल को इस फिल्म में लेने की सलाह खुद उनके पिता धर्मेंद्र ने दी थी। उन्होंने निर्माता अशोक ठेकेदार से बात कर के कहा कि सनी इस रोल को पूरी गहराई से निभा सकते हैं। धर्मेंद्र का मानना था कि सनी का यह किरदार उनके करियर को एक नया मोड़ देगा और फिल्म को भी एक सशक्त पकड़ मिलेगी।
सनी ने स्क्रिप्ट पढ़ते ही हां कर दी
जब सनी देओल को फिल्म की स्क्रिप्ट दी गई तो उन्होंने उसे बड़े ध्यान से पढ़ा। उन्हें भाई के बलिदान और परिवार के इमोशन से जुड़ी कहानी बेहद पसंद आई। उन्होंने बिना किसी बदलाव की मांग किए तुरंत हां कर दी और कहा कि यह फिल्म उनके दिल के बहुत करीब है।
फिल्म बनी भावनाओं और रिश्तों की मिसाल
जब Pyaar Koi Khel Nahin सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई तो दर्शकों ने सनी देओल के किरदार को खूब सराहा। भाई की भूमिका निभाते हुए उन्होंने लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। इस फिल्म ने यह साबित कर दिया कि सनी सिर्फ एक्शन ही नहीं बल्कि इमोशनल रोल में भी उतने ही दमदार हैं।