जाने फिल्म Hey Ram में Shahrukh Khan को कैसे मिला रोल! जानिए दिलचस्प कहानी

जाने फिल्म Hey Ram में Shahrukh Khan को कैसे मिला रोल! जानिए दिलचस्प कहानी

साल 2000 में आई निर्देशक कमल हासन की बहुचर्चित फिल्म Hey Ram एक ऐतिहासिक ड्रामा थी जिसने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। महात्मा गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में हिंसा राजनीति और व्यक्तिगत द्वंद्व की भावनाओं को बेहद गहराई से दर्शाया गया। लेकिन इस फिल्म से जुड़ी एक और बेहद दिलचस्प बात है – बॉलीवुड के बादशाह Shahrukh Khan का इसमें अभिनय करना। आइए जानते हैं कैसे शाहरुख़ को इस अनोखी फिल्म में रोल मिला और इसके पीछे क्या था खास कहानी।

कमल हासन की अनोखी अपील

Hey Ram के लेखक निर्माता और निर्देशक खुद कमल हासन थे। वे इस फिल्म को लेकर बेहद गंभीर थे क्योंकि यह उनके दिल के बहुत करीब थी। फिल्म में कई संवेदनशील मुद्दे उठाए गए थे जिनमें धार्मिक कट्टरता सांप्रदायिक दंगे और स्वतंत्रता के बाद का भारत शामिल था। कमल हासन चाहते थे कि फिल्म का हर किरदार गहराई और असर लेकर आए।

जब उन्होंने अपने किरदार अमजद अली खान के लिए एक अभिनेता की तलाश शुरू की तो उन्हें कोई ऐसा चाहिए था जो सिर्फ एक स्टार न हो बल्कि एक सशक्त अभिनेता भी हो जो किरदार की आत्मा को समझ सके। यही सोचकर उन्होंने शाहरुख़ ख़ान को इस रोल के लिए अप्रोच किया।

जाने फिल्म Hey Ram में Shahrukh Khan को कैसे मिला रोल! जानिए दिलचस्प कहानी

शाहरुख़ ख़ान की प्रतिक्रिया

शाहरुख़ ख़ान उस समय पहले से ही सुपरस्टार थे। लेकिन कमल हासन ने जब उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई तो शाहरुख़ उस कहानी से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने एक सेकंड के लिए भी पैसे की बात नहीं की।

दरअसल शाहरुख़ ख़ान को महात्मा गांधी के विचारों और भारत के इतिहास से गहरी लगाव है। Hey Ram की स्क्रिप्ट ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने कमल हासन से कहा –
“आपके जैसे कलाकार और निर्देशक के साथ काम करने का मौका मुझे गर्व देता है। पैसे की कोई ज़रूरत नहीं यह फिल्म मेरा सम्मान होगी।”

जी हाँ शाहरुख़ ख़ान ने इस फिल्म में बिना एक भी पैसा लिए काम किया। उन्होंने इस भूमिका को अपनी तरफ से एक श्रद्धांजलि के रूप में लिया।

क्यों खास है शाहरुख़ का किरदार

फिल्म में शाहरुख़ ख़ान का किरदार अमजद अली खान एक मुस्लिम पुलिस अफ़सर का है जो नायक साक्षी (कमल हासन) का दोस्त होता है। अमजद उस समय के सांप्रदायिक माहौल में इंसानियत और भाईचारे का प्रतीक बनकर सामने आता है।

शाहरुख़ ने इस किरदार को इतनी संजीदगी और सादगी से निभाया कि दर्शकों को वे किरदार के रूप में ही याद रह गए। ये रोल उनके बाकी ग्लैमरस किरदारों से अलग था और इसने उनकी अभिनय क्षमता को और गहराई दी।

 

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