जब संजय लीला भंसाली ने फिल्म Bajirao Mastani बनाने का फैसला लिया तो उनके दिमाग में एक ही सवाल था कि बाजीराव के किरदार के लिए सबसे उपयुक्त अभिनेता कौन होगा। Ranveer Singh का नाम सबसे पहले भंसाली के दिमाग में आया क्योंकि उनकी ऊर्जा और अभिनय की क्षमता बिल्कुल उस किरदार से मेल खाती थी। रणवीर ने हमेशा ही अपनी निडर और जोशीली शैली से सभी को प्रभावित किया था।
पहले मौका नहीं मिला था
रणवीर को शुरुआत में इस फिल्म के लिए मौका नहीं मिला था। संजय लीला भंसाली के साथ रणवीर का पहले अनुभव अच्छा नहीं रहा था। गोलियों की रासलीला राम-लीला के दौरान भंसाली के साथ उनकी कुछ अनबन हो गई थी। लेकिन रणवीर ने हार मानने का नाम नहीं लिया और अपने अभिनय की क्षमता से भंसाली का दिल जीत लिया।
रणवीर का ऑडिशन
फिल्म के लिए रणवीर का चयन एक ऑडिशन के बाद हुआ। भंसाली को यह भरोसा था कि रणवीर बाजीराव के चरित्र को बिल्कुल सही तरीके से निभा सकते हैं। रणवीर ने अपने ऑडिशन में बाजीराव के स्वभाव को आत्मसात किया और भंसाली के सामने एक दमदार प्रस्तुति दी। उनके आत्मविश्वास ने भंसाली को पूरी तरह से प्रभावित कर लिया।
रणवीर की मेहनत और तैयारी
Ranveer Singh ने बाजीराव के रोल के लिए खूब मेहनत की। उन्होंने अपनी बॉडी पर काम किया और ऐतिहासिक किले और युद्ध भूमि की जानकारी ली। रणवीर ने अपने किरदार के हर पहलू को बारीकी से समझा और उसे अपने अभिनय में उतारने की पूरी कोशिश की। इस मेहनत ने उन्हें शानदार अभिनय करने में मदद की।
फिल्म की सफलता और रणवीर की पहचान
जब फिल्म रिलीज हुई तो रणवीर का प्रदर्शन दर्शकों और आलोचकों से खूब सराहा गया। उन्होंने बाजीराव के किरदार में जान डाली थी। यह फिल्म उनके करियर का एक बड़ा मोड़ साबित हुई। इसके बाद रणवीर को एक नए और मजबूत अभिनेता के रूप में पहचाना जाने लगा।