Kahan Shuru Kahan Khatam Lyrics – ध्वनि भानुशाली

Kahan Shuru Kahan Khatam Lyrics – ध्वनि भानुशाली

Kahan Shuru Kahan Khatam Lyrics – कहां शुरू कहां खतम ध्वनि भानुशाली और विस्मय पटेल द्वारा हाल ही में रिलीज हुआ हिंदी गाना इसमें ध्वनि भानुशाली और आशिम गुलाटी और सुप्रिया पिलगांवकर और राकेश बेदी और सोनाली सचदेव और राजेश शर्मा और अखिलेंद्र मिश्रा और चितरंजन शामिल हैं। त्रिपाठी और विक्रम कोचर और हिमांशु कोहली और विकास वर्मा ने संगीत दिया है, इसका संगीत लक्ष्मण उतेकर और ऋषि विरमानी ने दिया है, जबकि कहां शुरू कहां खतम के बोल लक्ष्मण उतेकर और ऋषि विरमानी ने लिखे हैं, कलाकार खूबसूरती से गाने की भावनात्मक गहराई को पूरा करते हैं। विशेष रूप से सारेगामा म्यूजिक यूट्यूब चैनल पर “कहां शुरू कहां खतम” की गीतात्मक गहराई का पता लगाने के लिए बने रहें।

Kahan Shuru Kahan Khatam Lyrics – ध्वनि भानुशाली

कहाँ शुरू कहाँ खत्म

तेरे मेरे बीच जो ये बेबकूफी सी
बात हो रही है, आ रहा है जी मजा
यूँ ही मुस्कुरा रहे हैं बैठे बैठे
अब तो होश वोहश हो गए हैं लापता

रुके ना मेरे ख्वाबों में
तेरा तेरे ख्यालों में
मेरा यूँ रात दिन आना जाना
के अजनाबी थे हम कभी मगर
जरा भी अब नहीं हुआ है
क्या जरा हमें ये समझाना

अजीब दास्तान है ये
कहाँ शुरू कहाँ खत्म
ये मंजिलें कौन सी
ना वो समझ के ना तुम

अजीब दास्तान है ये
कहाँ शुरू कहाँ खत्म
ये मंजिलें कौन सी
ना वो समझ के ना तुम

या तो सीधा सीधा मुझसे तू कह दे
कि तेरे दिल में क्या
ऐसे मुझसे तेडी-मेड़ी उलटी-सीधी
पहेली तो ना बुझा

तुमसे दिल लगा के बैठे,
थक गए थे सहते सहते,
ठम गए हैं जिस जगह है तू मिला
कोई तो वजह भी होगी
हम मिले जो इस तरह से
खामखा नहीं हमारा सिलसिला

Kahan Shuru Kahan Khatam Lyrics

Tere mere beech jo ye betuki si
Baat ho rahi hai aa rahaa hai ji maza
Yun he muskara rahe hain baithe baithe
Ab toh hosh wosh ho gaye hain laapta

Rukey na mere khwabon mein
Tera tere khayaalo mein
Mera yu raat din aana janaa
Ke ajnaabe they hum kabhi magar
Zara bhi ab nahi hua hai
Kya zaraa humein ye samjhaana

Ajeeb daastaan hai ye
Kahaan shuru kahaan khatam
Ye manzilein Kaunsi
Naa who samajh ke na tum

Ajeeb daastaan hai ye
Kahaan shuru kahaan khatam
Ye manzilein Kaunsi
Naa who samajh ke na tum

Ya toh seedha seedha mujhse tu keh de
Ki tere hai dil mein kya
Aise mujhse tedhi medhi ulti seedhi
Paheli toh na bujhaa

Tum se dil laga ke baithe,
Thak gaye they sehte sehte,
Tham gaye hain jis jagah hai tu mila
Koi toh wajah bhi hogi
Hum mile jo iss tareh se
Khama khaa nahi humara silsila.

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *