‘Phool Bane Angaray’ 1991 में रिलीज़ हुई थी और इसमें रेखा मुख्य भूमिका में थीं। इस फिल्म के लिए पहले राजेश खन्ना का नाम फाइनल किया गया था लेकिन उनकी डेट्स की समस्या और स्क्रिप्ट को लेकर कुछ मतभेद के चलते उन्होंने प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर लिया। निर्माता-निर्देशक ने तब दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत से संपर्क किया। उस वक्त रजनीकांत बॉलीवुड में ‘Andha Kanoon’ और ‘ChaalBaaz’ जैसी हिट फिल्मों से अपनी पहचान बना चुके थे।
रजनीकांत ने क्यों हां कहा इस फिल्म के लिए?
रजनीकांत आमतौर पर हिंदी फिल्मों में बहुत चयनात्मक रहते थे। लेकिन जब उन्हें ‘Phool Bane Angaray’ की स्क्रिप्ट सुनाई गई, तो उन्हें किरदार की ईमानदारी और न्याय के लिए लड़ने वाला जज्बा बहुत पसंद आया। यह रोल उनके उस रियल लाइफ इमेज से मिलता-जुलता था जो फैंस उन्हें दक्षिण भारत में मानते हैं — एक मसीहा, एक रक्षक। उन्होंने तुरंत फिल्म को हां कह दिया।
रेखा और रजनीकांत की अनोखी जोड़ी
इस फिल्म की सबसे खास बात थी रजनीकांत और रेखा की जोड़ी। इससे पहले दोनों ने एक साथ स्क्रीन शेयर नहीं किया था। फिल्म में रेखा एक बहादुर पुलिस अफसर बनी थीं जबकि रजनीकांत एक ईमानदार नेता के रोल में थे। इन दोनों की जोड़ी ने दर्शकों को अलग ही जोश दिया, क्योंकि एक तरफ बॉलीवुड की क्वीन रेखा थीं और दूसरी ओर साउथ के थलाइवा रजनीकांत।
शूटिंग के दौरान की एक मज़ेदार घटना
फिल्म के एक एक्शन सीन की शूटिंग के दौरान रजनीकांत को एक बाइक से स्टंट करना था लेकिन उन्होंने बिना बॉडी डबल के खुद स्टंट करने की जिद की। जब रेखा ने यह देखा तो उन्होंने कहा, “थलाइवा, आप हीरो नहीं, सीन के खुद भगवान हैं!” ये पल यूनिट के सभी लोगों को आज भी याद है।
फिल्म का प्रभाव और रजनीकांत की छाप
हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बहुत बड़ी हिट नहीं रही, लेकिन रजनीकांत के फैंस के लिए यह फिल्म एक ट्रीट साबित हुई। हिंदी बेल्ट में उनकी पहचान और मजबूत हुई। फिल्म में उनका दमदार डायलॉग डिलीवरी और करिश्माई स्क्रीन प्रेजेंस आज भी यादगार है।