साल 1969 में रिलीज़ हुई फिल्म “Prince” अपने वक्त की सबसे चर्चित और स्टाइलिश फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म में शम्मी कपूर ने राजकुमार शेखर का किरदार निभाया था जो एक बिगड़ा हुआ शहज़ादा है और बाद में अपनी गलतियों का एहसास कर नेक राह चुनता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शम्मी कपूर को यह रोल इतनी आसानी से नहीं मिला था?
शम्मी कपूर का स्टाइल बना कारण
निर्देशक लेख टंडन और निर्माता फ़ारूक़ अब्दुल्ला इस फिल्म के लिए एक ऐसे अभिनेता की तलाश में थे जो राजसी ठाठ में भी फिट हो और मॉडर्न लुक में भी उतना ही प्रभावशाली लगे। ऐसे में उन्होंने शम्मी कपूर को अप्रोच किया क्योंकि उस वक्त वे अपने करियर के पीक पर थे और खासकर युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय थे। उनका एनर्जी से भरा अभिनय और यूनिक स्टाइल फिल्म की थीम के लिए एकदम सटीक बैठता था।
शम्मी कपूर की एक शर्त
जब शम्मी कपूर को फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई गई तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार नहीं किया। उन्हें स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव चाहिए थे। खासकर, शेखर के चरित्र को थोड़ा और गहराई देने की बात उन्होंने रखी। उन्होंने कहा कि अगर यह किरदार केवल एक बिगड़े शहज़ादे तक सीमित रहा तो दर्शक उससे जुड़ नहीं पाएंगे। निर्देशक लेख टंडन ने उनकी बात मानी और किरदार में और इमोशनल लेयर जोड़ी।
फिल्म के गाने और लुक बने ट्रेंड
फिल्म Prince के गाने, खासकर “Badan Pe Sitare Lapete Hue”, सुपरहिट हो गए और शम्मी कपूर की सफेद सूट में एंट्री को आज भी याद किया जाता है। इस फिल्म में उनके कपड़े, हेयर स्टाइल और चाल-ढाल सब कुछ उस दौर में ट्रेंड बन गए थे। कहा जाता है कि फिल्म के कॉस्ट्यूम्स और सेट्स के लिए स्पेशल यूरोपियन डिज़ाइनर्स की मदद ली गई थी ताकि राजसी और ग्लैमरस फील बरकरार रहे।
एक हादसे ने बदली शूटिंग की योजना
फिल्म की शूटिंग के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ था जब एक स्टंट सीन में शम्मी कपूर हल्के से घायल हो गए थे। लेकिन उन्होंने शूटिंग रोकने से इनकार कर दिया और कहा कि “Prince कभी हार नहीं मानता”। इस बात से यूनिट में उनका सम्मान और भी बढ़ गया और सबने मिलकर शूटिंग जल्द ही पूरी की।