फिल्म ‘Andolan’ में संजय दत्त का रोल मिलने की कहानी काफी रोचक और दिलचस्प है। दरअसल, यह रोल उनके करियर के एक अहम मोड़ जैसा था। फिल्म ‘Andolan’ 1995 में रिलीज हुई थी और इसे मयूर पाहवा ने डायरेक्ट किया था। यह एक सामाजिक-राजनीतिक ड्रामा फिल्म थी जिसमें भ्रष्टाचार, न्याय और आम आदमी की लड़ाई को प्रमुखता से दिखाया गया था। संजय दत्त इस फिल्म में मुख्य भूमिका में थे और उनका किरदार आम जनता के बीच एक सच्चे नायक की तरह दिखाया गया था।
रोल के लिए पहली बार कैसे पहुंचे?
फिल्म ‘Andolan’ के लिए संजय दत्त को कास्ट करने की शुरुआत तब हुई जब मयूर पाहवा ने अपनी स्क्रिप्ट पर काम शुरू किया था। मयूर साहब चाहते थे कि फिल्म में कोई ऐसा कलाकार हो जो न केवल दर्शकों को आकर्षित करे बल्कि किरदार की गहराई और गंभीरता को भी पूरी तरह से पेश कर सके। संजय दत्त उस वक्त बॉलीवुड के स्थापित और लोकप्रिय अभिनेता थे। उनकी मर्दाना और दमदार एक्टिंग ने उन्हें इस रोल के लिए सबसे उपयुक्त बनाया।
मयूर पाहवा ने पहले ही संजय दत्त को अपनी स्क्रिप्ट भेजी और उनसे मिलने की कोशिश की। शुरुआत में संजय दत्त थोड़े हिचकिचाए क्योंकि वे कई दूसरी फिल्मों में व्यस्त थे। लेकिन फिल्म की कहानी और विषय ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। खासकर फिल्म की सामाजिक संदेश देने की भावना ने उन्हें इस प्रोजेक्ट से जोड़ा। इसके बाद उन्होंने इस फिल्म के लिए हां कर दी।
फिल्म के सेट पर संजय दत्त की मेहनत
फिल्म ‘Andolan’ में संजय दत्त ने अपने किरदार को जिंदा करने के लिए काफी मेहनत की। उन्होंने अपने किरदार की डिटेल्स को समझने के लिए स्थानीय लोगों और उन मुद्दों पर रिसर्च की जो फिल्म में दिखाए गए थे। उन्होंने अपने डायलॉग और बॉडी लैंग्वेज पर भी खूब मेहनत की ताकि किरदार में रियलिज्म और दम दिख सके।
फिल्म की शूटिंग के दौरान संजय दत्त ने सेट पर एक प्रोफेशनल रवैया अपनाया। वह अपने सह-कलाकारों के साथ अच्छे तालमेल में थे और निर्देशकों के निर्देशों को पूरी गंभीरता से लेते थे। उन्होंने कई बार अपने शॉट्स दोहराए ताकि स्क्रीन पर हर एक भाव सही तरह से कैद हो।
फिल्म की रिलीज और दर्शकों की प्रतिक्रिया
‘Andolan’ जब रिलीज हुई तो दर्शकों ने संजय दत्त के अभिनय की खूब तारीफ की। उनकी भूमिका को एकदम सही और प्रभावशाली माना गया। हालांकि फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा धमाल नहीं मचाया, लेकिन आलोचकों की नजर में यह फिल्म एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश लेकर आई थी। संजय दत्त का रोल और उनकी परफॉर्मेंस दोनों को काफी सराहा गया।
कुछ दिलचस्प किस्से
फिल्म की शूटिंग के दौरान एक मजेदार किस्सा भी जुड़ा है। एक बार संजय दत्त को अपने किरदार में पूरी तरह डूबने के कारण एक गाने की शूटिंग के दौरान इतनी ऊर्जा और जुनून दिखाना था कि वे खुद थक गए। उस वक्त उनके सह-कलाकार और क्रू मेंबर्स ने उनका हौसला बढ़ाया और शूटिंग को पूरा किया।
इसके अलावा, फिल्म में संजय दत्त की केमिस्ट्री उनके सह-कलाकारों के साथ बहुत अच्छी थी। कई बार सेट पर उनकी मस्ती भरी बातचीत शूटिंग के तनाव को कम करती थी।

