Priyanka Chopra बॉलीवुड की सबसे सफल और बहुमुखी अभिनेत्रियों में से एक हैं, जिन्होंने न केवल हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में बल्कि हॉलीवुड में भी अपनी पहचान बनाई है। उनका अभिनय और विविधता हमेशा प्रशंसा के पात्र रहे हैं। प्रियंका को जो फिल्में यादगार बनाती हैं, उनमें से एक है “Mary Kom”, जिसमें उन्होंने भारत की दिग्गज बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम का किरदार निभाया। इस फिल्म ने प्रियंका चोपड़ा को एक नए अवतार में दिखाया और उन्होंने इस भूमिका में अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से खुद को साबित किया। आइए जानते हैं कि प्रियंका को “मैरी कॉम” फिल्म में यह रोल कैसे मिला और फिल्म की कुछ दिलचस्प बातें।
फिल्म की शुरुआत और प्रियंका चोपड़ा का चयन
“मैरी कॉम” फिल्म की शुरुआत 2012 में हुई थी, जब निर्माता संजय लीला भंसाली और निर्देशक ओमंग कुमार ने एक ऐसी फिल्म बनाने की योजना बनाई, जो भारतीय बॉक्सिंग की स्टार मैरी कॉम की जीवित कहानी पर आधारित हो। संजय लीला भंसाली ने इस परियोजना में प्रियंका चोपड़ा को कास्ट करने का विचार किया था, क्योंकि उनकी अभिनय क्षमता और फिटनेस के कारण वह इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त अभिनेत्री लगीं। प्रियंका ने हमेशा ही अपने किरदारों में कुछ खास करने की कोशिश की है, और मैरी कॉम का किरदार उनके लिए एक चुनौती थी।
प्रियंका चोपड़ा के लिए यह रोल बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह फिल्म न केवल एक बॉक्सिंग चैंपियन की कहानी थी, बल्कि यह एक संघर्ष, साहस और आत्मविश्वास की कहानी थी। प्रियंका ने अपनी भूमिका के लिए खुद को पूरी तरह से शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया। मैरी कॉम का किरदार निभाना आसान नहीं था, क्योंकि प्रियंका को बॉक्सिंग सीखने के साथ-साथ एक असली खेल के माहौल को महसूस करना था।
प्रियंका चोपड़ा की तैयारी
प्रियंका चोपड़ा को फिल्म में मैरी कॉम का किरदार निभाने के लिए कड़ी मेहनत और तैयारी करनी पड़ी। सबसे पहले, प्रियंका ने बॉक्सिंग की ट्रेनिंग शुरू की। उन्होंने भारतीय बॉक्सिंग के दिग्गज कोच कंवलजीत सिंह से बॉक्सिंग के बुनियादी तकनीक सीखी। प्रियंका ने खुद को इस किरदार के लिए शारीरिक रूप से फिट किया, क्योंकि मैरी कॉम की बॉक्सिंग तकनीक और शारीरिक ताकत के बिना यह भूमिका निभाना मुश्किल था।
प्रियंका ने इस फिल्म के लिए शारीरिक प्रशिक्षण के अलावा मानसिक रूप से भी खुद को तैयार किया। उन्हें मैरी कॉम के जज़्बे, उनकी भावनाओं और संघर्षों को समझने के लिए बहुत काम करना पड़ा। प्रियंका को इस किरदार में आत्मनिर्भरता और मानसिक दृढ़ता की भावना दिखानी थी, जैसे मैरी कॉम ने अपने जीवन में कठिनाईयों के बावजूद सफलता प्राप्त की। प्रियंका को अपनी शारीरिक मुद्रा, बॉक्सिंग की तकनीक और मैरी कॉम के संघर्षों को पर्दे पर उतारने के लिए महीनों की ट्रेनिंग और अभ्यास करना पड़ा।
फिल्म की शूटिंग और संघर्ष
प्रियंका चोपड़ा ने “मैरी कॉम” की शूटिंग 2013 के अंत में शुरू की। फिल्म में प्रियंका का लुक और उनकी बॉक्सिंग के स्टाइल को पर्दे पर वास्तविक रूप से उतारना चुनौतीपूर्ण था। फिल्म के कुछ दृश्यों में प्रियंका को असल बॉक्सिंग मैच की तरह पसीना बहाते हुए देखा गया। प्रियंका ने इन दृश्यों में खुद को फिट रखने के लिए बहुत कठिन मेहनत की और बॉक्सिंग में खुद को माहिर किया।
यह फिल्म केवल मैरी कॉम की कहानी नहीं थी, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और संघर्ष की भी कहानी थी। प्रियंका चोपड़ा ने अपनी भूमिका में न केवल बॉक्सिंग के व्यावसायिक पहलू को दिखाया, बल्कि मैरी कॉम के जीवन के व्यक्तिगत पहलुओं को भी शानदार तरीके से प्रस्तुत किया। मैरी के मां बनने के बाद के संघर्षों और उनकी खेल यात्रा को दर्शाना प्रियंका के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने इसे बखूबी निभाया।
फिल्म की सफलता और प्रियंका का प्रदर्शन
“मैरी कॉम” फिल्म 2014 में रिलीज हुई और इसे आलोचकों और दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली। प्रियंका चोपड़ा के अभिनय को विशेष रूप से सराहा गया। उन्होंने न केवल बॉक्सिंग को असल जीवन में उतारने की पूरी कोशिश की, बल्कि मैरी कॉम के संघर्ष और मानसिक ताकत को भी शानदार तरीके से पर्दे पर दर्शाया। प्रियंका की कड़ी मेहनत ने उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड्स समेत कई पुरस्कार दिलवाए।
फिल्म की सफलता केवल प्रियंका के अभिनय तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसने महिलाओं के लिए प्रेरणा भी दी। मैरी कॉम की कहानी न केवल एक खेल की कहानी थी, बल्कि एक मजबूत महिला की कहानी थी जिसने हर कठिनाई के बावजूद अपनी मंजिल को पाया। प्रियंका चोपड़ा ने इस फिल्म में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया, और यह फिल्म उनके करियर का एक मील का पत्थर साबित हुई।
प्रियंका चोपड़ा को फिल्म “मैरी कॉम” में यह रोल कैसे मिला, यह पूरी तरह से संजय लीला भंसाली और ओमंग कुमार की दृष्टि का परिणाम था। प्रियंका ने अपने अभिनय में इस भूमिका को इतनी शिद्दत से निभाया कि वह फिल्म के मुख्य आकर्षण बन गईं। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रशिक्षण ने उन्हें एक शानदार बॉक्सिंग चैंपियन का किरदार निभाने में सक्षम बनाया। “मैरी कॉम” फिल्म ने न केवल प्रियंका चोपड़ा की अभिनय क्षमता को साबित किया, बल्कि यह भारतीय सिनेमा में महिलाओं के संघर्ष और आत्मनिर्भरता की एक प्रेरणादायक कहानी बन गई।