साल 1993 में आई फिल्म ‘Tirangaa ’ भारतीय सिनेमा की सबसे चर्चित देशभक्ति फिल्मों में से एक बन गई। इस फिल्म में नाना पाटेकर का निभाया हुआ इंस्पेक्टर शिवाजी राव वागले का किरदार आज भी याद किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दमदार रोल आखिर नाना पाटेकर को कैसे मिला?
निर्देशक की खास पसंद थे नाना पाटेकर
‘तिरंगा’ के निर्देशक मेहुल कुमार ने जब यह फिल्म प्लान की थी तो उनके दिमाग में एक ही नाम था — नाना पाटेकर। उन्हें इस रोल के लिए ऐसे एक्टर की जरूरत थी जो गुस्सैल हो, मगर दिल का सच्चा हो। नाना पहले से ही अपने इंटेंस अभिनय के लिए जाने जाते थे। इसलिए मेहुल कुमार ने उन्हें स्क्रिप्ट सुनाई और नाना ने तुरंत हामी भर दी।
राजकुमार और नाना की अनोखी जोड़ी
फिल्म में नाना पाटेकर के साथ दिग्गज अभिनेता राजकुमार भी थे। दोनों की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री ने दर्शकों को खूब पसंद आई। दिलचस्प बात यह थी कि नाना और राजकुमार की अदायगी का अंदाज एकदम अलग था। एक ओर राजकुमार अपनी शायरी और ठहराव के लिए मशहूर थे तो दूसरी ओर नाना अपनी तेज़-तर्रार डायलॉग डिलीवरी के लिए।
नाना पाटेकर का तैयारी का तरीका
नाना पाटेकर अपने किरदारों में पूरी तरह घुस जाने के लिए जाने जाते हैं। ‘तिरंगा’ के लिए भी उन्होंने खूब तैयारी की थी। उन्होंने पुलिस की ट्रेनिंग के बारे में पढ़ा, वर्दी पहनने के तरीके सीखे और अपने एक्शन सीन खुद ही किए। शूटिंग के दौरान कई बार उन्होंने अपने डायलॉग्स में खुद बदलाव किए ताकि वे और असरदार बन सकें।
सेट पर राजकुमार और नाना के किस्से
‘तिरंगा’ की शूटिंग के दौरान राजकुमार और नाना पाटेकर के बीच दिलचस्प किस्से सुनने को मिलते थे। राजकुमार अक्सर नाना की एक्टिंग की तारीफ करते थे और कहते थे कि यह आदमी पूरी आग है। वहीं नाना राजकुमार की स्टाइल और संवाद अदायगी से प्रभावित थे। दोनों की आपसी ट्यूनिंग ने फिल्म को और यादगार बना दिया।