फिल्म ‘Ghazab’ में Dharmendra को कैसे मिला रोल? जानिए फिल्म के कुछ दिलचस्प किस्से

फिल्म ‘Ghazab’ में Dharmendra को कैसे मिला रोल? जानिए फिल्म के कुछ दिलचस्प किस्से

फिल्म ‘Ghazab’ साल 1982 में रिलीज़ हुई थी और इस फिल्म ने Dharmendra के करियर में एक अलग पहचान बनाई थी। यह फिल्म उस समय की सबसे चर्चित फिल्मों में से एक बनी थी क्योंकि इसमें धर्मेंद्र ने डबल रोल निभाया था। कहानी दो जुड़वां भाइयों की थी जो बचपन में बिछड़ जाते हैं और बाद में किस्मत उन्हें फिर से मिलाती है। फिल्म का निर्देशन चेतन आनंद ने किया था और इसमें साथ थीं रेखा जो उस दौर की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक थीं।

धर्मेंद्र को रोल कैसे मिला

धर्मेंद्र को यह रोल एक इत्तेफाक से मिला था। दरअसल चेतन आनंद इस फिल्म के लिए शुरू में किसी और एक्टर को लेना चाहते थे लेकिन जब उन्होंने धर्मेंद्र की फिल्म ‘शोले’ में उनकी परफॉर्मेंस देखी तो उनका मन बदल गया। चेतन आनंद चाहते थे कि इस फिल्म में कोई ऐसा एक्टर हो जो मासूमियत और गुस्से दोनों को बराबर निभा सके। धर्मेंद्र उस रोल के लिए एकदम फिट बैठे। उन्होंने जब स्क्रिप्ट सुनी तो तुरंत हां कर दी क्योंकि यह उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण किरदार था जिसमें उन्हें दो बिल्कुल अलग-अलग शख्सियतों को निभाना था।

शूटिंग के दौरान की मजेदार घटनाएं

‘ग़ज़ब’ की शूटिंग के दौरान कई मजेदार किस्से हुए। धर्मेंद्र को दोनों किरदारों के बीच फर्क दिखाने के लिए हर सीन से पहले लंबे रिहर्सल करने पड़ते थे। एक बार उन्होंने गलती से दूसरे किरदार की डायलॉग डिलीवरी पहले वाले रूप में दे दी जिससे पूरी यूनिट ठहाके लगाने लगी। रेखा और धर्मेंद्र की जोड़ी स्क्रीन पर खूब जमी और दर्शकों ने दोनों की केमिस्ट्री को खूब पसंद किया।

फिल्म की सफलता और दर्शकों की प्रतिक्रिया

‘ग़ज़ब’ रिलीज़ होते ही हिट हो गई। दर्शकों ने धर्मेंद्र की एक्टिंग की खूब तारीफ की। फिल्म के गाने भी सुपरहिट हुए खासकर “अपनी तो जैसे तैसे” जो आज भी लोगों की जुबान पर है। धर्मेंद्र को इस फिल्म से यह साबित करने का मौका मिला कि वे सिर्फ एक्शन हीरो नहीं बल्कि एक संजीदा अभिनेता भी हैं। इस फिल्म ने उनकी छवि को और मजबूत बना दिया।

दिलचस्प बातें और यादगार पल

कहा जाता है कि धर्मेंद्र ने इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कभी डुप्लीकेट का इस्तेमाल नहीं किया। चाहे वह एक्शन सीन हो या इमोशनल, सब कुछ उन्होंने खुद किया। चेतन आनंद ने एक बार कहा था कि धर्मेंद्र इस रोल में ऐसे खो गए थे जैसे यह किरदार उनके अपने जीवन का हिस्सा हो। इस फिल्म ने न सिर्फ धर्मेंद्र को बल्कि रेखा को भी दर्शकों के दिलों में और गहराई से बसाया।

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