साल 2006 में रिलीज हुई फिल्म ‘Umrao Jaan’ में ऐश्वर्या राय ने उमराव जान का किरदार निभाया था। यह वही किरदार है जिसे 1981 में रेखा ने निभाया था और दर्शकों के दिलों में अमर हो गई थीं। इस फिल्म के रिमेक की घोषणा जब हुई तो सबसे बड़ा सवाल यही था – रेखा जैसी अदाकारा की जगह कौन ले सकता है? ऐसे में फिल्म के निर्देशक जेपी दत्ता की पहली और आखिरी पसंद बनीं ऐश्वर्या राय बच्चन।
जेपी दत्ता की पहली पसंद थीं ऐश्वर्या
जेपी दत्ता, जो पहले ‘बॉर्डर’ और ‘LOC: Kargil’ जैसी फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, वे उमराव जान के किरदार को दोबारा पर्दे पर लाने को लेकर बेहद गंभीर थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसी अभिनेत्री चाहिए जो न केवल खूबसूरत हो बल्कि नृत्य, अदायगी और शायरी की गहराई को भी आत्मसात कर सके। रेखा का किरदार एक बेंचमार्क था और उसे पार करना आसान नहीं था। दत्ता को लगा कि ऐश्वर्या ही इस रोल को न्याय दे सकती हैं। उनकी क्लासिकल डांसिंग में पकड़, सौम्य चेहरा और आंखों से भाव व्यक्त करने की क्षमता ने उन्हें इस रोल के लिए परफेक्ट बना दिया।
ऐश्वर्या की तैयारी और समर्पण
जब ऐश्वर्या को यह ऑफर मिला, तो उन्होंने तुरंत हामी नहीं भरी। वह जानती थीं कि यह किरदार सिर्फ एक रोल नहीं है, बल्कि एक ऐतिहासिक जिम्मेदारी है। उन्होंने फिल्म के लिए उर्दू की क्लास लीं, कथक डांस की महीनों तक ट्रेनिंग की और नवाबी लहजे को आत्मसात किया। ऐश्वर्या ने कई पुराने उर्दू शेरों और नज्मों का अध्ययन किया ताकि वो उमराव जान की शायरा वाली गहराई को पर्दे पर साकार कर सकें। सेट पर उन्होंने घंटों तक रिहर्सल की और हर सीन में एक नजाकत, एक तहज़ीब को बरकरार रखने की कोशिश की।
कास्टिंग के दौरान हुई कड़ी तुलना
जब फिल्म की शूटिंग शुरू हुई, तो चारों तरफ यही चर्चा थी कि क्या ऐश्वर्या रेखा की बराबरी कर पाएंगी। कई क्रिटिक्स ने फिल्म के रिलीज से पहले ही इसकी आलोचना शुरू कर दी थी। लेकिन जेपी दत्ता को पूरा यकीन था कि ऐश्वर्या इस किरदार में अपनी छाप छोड़ेंगी। फिल्म में उनके परिधानों से लेकर मेकअप और डांस तक हर चीज को खासतौर पर लखनऊ की संस्कृति के अनुसार डिजाइन किया गया था। फिल्म में उनकी अदायगी और सौंदर्य की तारीफ भी हुई, लेकिन स्क्रिप्ट और धीमी गति की वजह से फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर उतनी सफलता नहीं मिली।
फिल्म के कुछ अनसुने किस्से
फिल्म की शूटिंग के दौरान एक दिलचस्प बात सामने आई थी कि ऐश्वर्या राय कई बार सीन के दौरान इतनी भावुक हो जाती थीं कि रोना रुकता ही नहीं था। एक ग़ज़ल “सलाम” के फिल्मांकन के समय वे इतनी खो गईं कि कैमरा कट होने के बाद भी वे उसी मूड में रहीं। यही नहीं, फिल्म के सेट पर अभिषेक बच्चन कई बार ऐश्वर्या को देखने भी पहुंचे थे। बाद में यही फिल्म दोनों के रिश्ते को और भी करीब ले आई।