साल 2008 में रिलीज़ हुई Aamir Khan की फिल्म ‘Ghajini ’ ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया था, बल्कि इसने एक्शन और इमोशनल ड्रामा का ऐसा कॉम्बिनेशन दिखाया, जिसे लोग आज भी याद करते हैं। आमिर खान का मस्कुलर लुक, उनके किरदार संजय सिंघानिया की याददाश्त खोने की समस्या और बदले की जुनूनी कहानी ने इस फिल्म को आइकॉनिक बना दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आमिर खान को ‘गजनी’ का रोल कैसे मिला था? और फिल्म से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से क्या हैं? आइए जानते हैं इस सुपरहिट फिल्म की कुछ अनसुनी बातें।
कैसे मिला Aamir Khan को ‘गजनी’ का रोल?
‘गजनी’ मूल रूप से एक तमिल फिल्म थी, जिसमें साउथ के सुपरस्टार सूर्या ने लीड रोल निभाया था। यह फिल्म खुद मुरुगदास ने ही डायरेक्ट की थी और इसकी सफलता ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का ध्यान भी खींचा। आमिर खान को यह फिल्म तब ऑफर हुई जब डायरेक्टर ए.आर. मुरुगदास ने उन्हें तमिल वर्जन का एक स्क्रीनिंग दिखाया। आमिर को फिल्म की कहानी और इसका प्रेजेंटेशन इतना पसंद आया कि उन्होंने तुरंत फिल्म में काम करने के लिए हां कर दी।
हालांकि, आमिर खान ऐसे अभिनेता हैं जो किसी भी स्क्रिप्ट को बिना गहराई से समझे हां नहीं कहते। उन्होंने ‘गजनी’ को कई बार देखा और उसमें अपने अंदाज में बदलाव किए। उन्होंने अपने कैरेक्टर संजय सिंघानिया को इतना पावरफुल और भावुक बना दिया कि यह रोल उनके करियर के सबसे यादगार किरदारों में से एक बन गया।
शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन की मिसाल
‘गजनी’ के लिए आमिर खान ने जो शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन किया, वह भारतीय सिनेमा के इतिहास में मील का पत्थर बन गया। उन्होंने आठ पैक एब्स बनाए और एक मस्कुलर बॉडी के साथ खुद को पूरी तरह बदला। यह आमिर के अब तक के सभी किरदारों से बिल्कुल अलग था। उन्होंने इसके लिए करीब 13 महीने तक लगातार ट्रेनिंग की, खास डाइट ली और एक सख्त रूटीन फॉलो किया।
याददाश्त खोने की बीमारी का असली बैकग्राउंड
‘गजनी’ में आमिर खान जिस बीमारी से ग्रस्त होते हैं, वह “ऐन्टरोग्रेड अम्नेशिया” कहलाती है। इस बीमारी में व्यक्ति वर्तमान में हुई घटनाओं को याद नहीं रख सकता। यह बीमारी बहुत ही दुर्लभ होती है, लेकिन फिल्म में इसे बड़े सटीक और फिल्मी तरीके से दिखाया गया। आमिर खान ने इस बीमारी को निभाने के लिए मेडिकल एक्सपर्ट्स से भी सलाह ली थी, ताकि किरदार ज्यादा रियल लगे।
फिल्म का नाम ‘गजनी’ क्यों रखा गया?
‘गजनी’ नाम सुनते ही लोग महमूद गजनवी की याद करते हैं, लेकिन फिल्म में इसका कोई सीधा संबंध नहीं था। फिल्म में खलनायक का नाम गजनी धोंडू था, और उसका किरदार बहुत क्रूर और ताकतवर दिखाया गया था। डायरेक्टर मुरुगदास ने बताया था कि यह नाम उन्हें ताकत और डर के प्रतीक के रूप में सही लगा, इसीलिए उन्होंने फिल्म का नाम ‘गजनी’ रखा।
बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़ सफलता
‘गजनी’ पहली ऐसी बॉलीवुड फिल्म थी जिसने 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया था। उस समय ये एक बहुत बड़ी बात मानी जाती थी। फिल्म को दर्शकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला और यह न सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी सुपरहिट रही।
आमिर खान की मार्केटिंग स्ट्रेटेजी भी थी कमाल की
फिल्म के प्रमोशन के लिए आमिर खान ने एक यूनिक तरीका अपनाया। उन्होंने देशभर के लगभग 1 लाख बार्बर को ‘गजनी कट’ हेयरस्टाइल सिखाई थी ताकि वो अपने ग्राहकों को यही स्टाइल दे सकें। इसके अलावा आमिर खुद कुछ सैलून में जाकर लोगों के बाल भी काटते नजर आए, जिससे फिल्म का क्रेज और भी ज्यादा बढ़ गया।
‘गजनी’ सिर्फ एक एक्शन फिल्म नहीं थी, यह एक इमोशनल रिवेंज ड्रामा थी जो दर्शकों को झकझोर देती है। आमिर खान का रोल, उनकी मेहनत, फिल्म की कहानी और तकनीकी गुणवत्ता ने इसे एक ऐतिहासिक फिल्म बना दिया। यह फिल्म आज भी दर्शकों के दिलों में ताजा है और एक मिसाल है कि जब एक कलाकार और निर्देशक मिलकर जुनून से कोई फिल्म बनाते हैं, तो वह इतिहास रच देती है।