Ghayal: जाने आखिर सनी देओल को फिल्म “घायल” में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

Ghayal: जाने आखिर सनी देओल को फिल्म "घायल" में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

Ghayal: फिल्म “घायल” (1990) भारतीय सिनेमा के इतिहास की सबसे प्रतिष्ठित और सफल एक्शन फिल्मों में से एक मानी जाती है। इस फिल्म ने सनी देओल के करियर को एक नया आयाम दिया और उन्हें एक्शन हीरो के रूप में बॉलीवुड में स्थापित किया। यह फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई, बल्कि इसे दर्शकों और समीक्षकों द्वारा भी बहुत सराहा गया। यहां हम जानेंगे कि सनी देओल को इस फिल्म में कैसे रोल मिला और फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानियां।

“घायल” में सनी देओल को कैसे मिला रोल?

सनी देओल को “घायल” में लीड रोल मिलना एक अनोखी घटना थी, क्योंकि इस फिल्म का विचार शुरू में सनी के लिए नहीं था। इस फिल्म के निर्माता और निर्देशक राजकुमार संतोषी थे, और उस समय राजकुमार संतोषी एक नई कहानी की तलाश में थे। वह एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते थे, जो एक आम आदमी के संघर्ष, उसकी जंग और भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ उसके विद्रोह को दिखा सके।

Ghayal: जाने आखिर सनी देओल को फिल्म "घायल" में कैसे मिला रोल फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

हालांकि, जब राजकुमार संतोषी ने इस फिल्म की कहानी तैयार की, तब वह एक ऐसे एक्टर की तलाश कर रहे थे, जो इस चुनौतीपूर्ण भूमिका को सही तरीके से निभा सके। सनी देओल, जो उस समय तक एक स्थापित एक्शन स्टार बन चुके थे, संतोषी की इस फिल्म के लिए एकदम सही फिट थे। सनी देओल की “बेताब”, “अर्जुन”, और “डकैत” जैसी फिल्मों में उनकी दमदार एक्टिंग और एक्शन सीन्स ने उन्हें “घायल” के रोल के लिए परफेक्ट चॉइस बनाया।

सनी देओल खुद भी एक ऐसी फिल्म की तलाश में थे, जो उन्हें एक्शन हीरो के रूप में और मजबूत कर सके। जब राजकुमार संतोषी ने सनी को फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाई, तो सनी तुरंत इस रोल को करने के लिए तैयार हो गए। फिल्म की कहानी में एक आम आदमी की शक्ति, उसके संघर्ष, और न्याय पाने की जद्दोजहद दिखाई गई थी, जो सनी के व्यक्तित्व के अनुरूप थी। इसके बाद सनी देओल और राजकुमार संतोषी ने मिलकर फिल्म पर काम शुरू किया, और “घायल” बनी।

फिल्म की कहानी

“घायल” की कहानी अजय मेहरा (सनी देओल) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक महत्वाकांक्षी और ईमानदार युवक है। अजय का भाई अशोक मेहरा (राज बब्बर) एक सफल बिजनेसमैन होता है, जो अचानक लापता हो जाता है। बाद में, अजय को पता चलता है कि उसके भाई की मौत हो गई है और इसके पीछे एक शक्तिशाली और भ्रष्ट व्यक्ति बलवंत राय (अमरीश पुरी) का हाथ है।

अजय अपने भाई की मौत का बदला लेने की कसम खाता है और इसके बाद सिस्टम के खिलाफ उसकी जंग शुरू होती है। फिल्म में अजय को अपने भाई की मौत का न्याय पाने के लिए भ्रष्ट पुलिस और बलवंत राय जैसे माफियाओं से लड़ते हुए दिखाया गया है। अजय की यह लड़ाई उस समय की भ्रष्ट व्यवस्था के खिलाफ एक आम आदमी की ताकत और संघर्ष को दर्शाती है।

फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानियां

  1. सनी देओल की दमदार एक्टिंग और डेडिकेशन

फिल्म में सनी देओल का प्रदर्शन बेहद शानदार था। उन्होंने अपने किरदार में इतनी जान डाल दी कि वह अजय मेहरा के रूप में हमेशा के लिए दर्शकों के दिलों में बस गए। फिल्म के दौरान कई एक्शन सीन्स ऐसे थे, जिन्हें करने में सनी देओल को चोट भी लगी, लेकिन उन्होंने कभी शूटिंग को रोका नहीं। खासकर, फिल्म का क्लाइमेक्स सीन, जिसमें सनी देओल बलवंत राय से लड़ते हैं, वह सीन दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। इस सीन को करने के दौरान सनी ने अपनी पूरी ताकत और एनर्जी लगाई, जिससे वह सीन असली लगने लगा।

  1. फिल्म के एक्शन सीन्स

“घायल” के एक्शन सीन्स बेहद रियलिस्टिक और दमदार थे। सनी देओल ने फिल्म के ज्यादातर स्टंट्स खुद किए। इस फिल्म में उन्होंने अपने ढाई किलो के हाथ का जादू दिखाया, जिसे बाद में उनके करियर का ट्रेडमार्क बन गया। फिल्म के दौरान एक्शन सीन्स को करने के लिए सनी देओल ने खूब मेहनत की थी, और उन्होंने एक्शन मास्टर्स से विशेष ट्रेनिंग भी ली थी।

  1. “घायल” की शूटिंग के दौरान राजकुमार संतोषी और सनी देओल की दोस्ती

“घायल” की शूटिंग के दौरान सनी देओल और राजकुमार संतोषी के बीच गहरी दोस्ती हो गई थी। संतोषी की यह पहली निर्देशित फिल्म थी, और सनी देओल ने उन्हें हर तरह से सपोर्ट किया। इस दोस्ती के बाद, सनी और संतोषी ने आगे चलकर “दामिनी” और “घातक” जैसी हिट फिल्में भी कीं। सनी ने राजकुमार संतोषी के निर्देशन पर पूरा विश्वास दिखाया, और दोनों के बीच का यह तालमेल फिल्म की सफलता का एक बड़ा कारण बना।

  1. अमरीश पुरी और सनी देओल का क्लाइमेक्स सीन

फिल्म का क्लाइमेक्स सीन, जिसमें सनी देओल और अमरीश पुरी के बीच टकराव होता है, भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे आइकॉनिक सीन में से एक माना जाता है। सनी देओल का दमदार डायलॉग “ये ढाई किलो का हाथ जब किसी पर पड़ता है, तो आदमी उठता नहीं, उठ जाता है” आज भी लोगों की जुबान पर है। इस सीन में सनी और अमरीश पुरी दोनों ने अपनी एक्टिंग से जान डाल दी थी।

  1. फिल्म को मिले अवॉर्ड्स और सराहना

“घायल” न केवल बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई, बल्कि इस फिल्म ने कई पुरस्कार भी जीते। सनी देओल को इस फिल्म के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवॉर्ड और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला। इसके अलावा, फिल्म को सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। यह फिल्म सनी देओल के करियर का मील का पत्थर साबित हुई, जिसने उन्हें बॉलीवुड के सबसे बड़े एक्शन हीरो के रूप में स्थापित किया।

“घायल” की सफलता और प्रभाव

“घायल” ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई की और सनी देओल के करियर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। इस फिल्म ने न केवल सनी को एक बेहतरीन एक्शन हीरो के रूप में पहचान दिलाई, बल्कि यह उस समय की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक बनी। फिल्म के एक्शन सीन्स, दमदार डायलॉग्स और सनी देओल की इमोशनल और जोशीली एक्टिंग ने दर्शकों को फिल्म से बांधे रखा।

“घायल” की सफलता के बाद, सनी देओल ने कई और हिट एक्शन फिल्में दीं और वह एक्शन हीरो की छवि में और मजबूत हो गए। इस फिल्म ने सनी के करियर की दिशा बदल दी और उन्हें “घायल” के अजय मेहरा के रूप में हमेशा के लिए याद किया जाने लगा।

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