Dilwale Dulhania Le Jayenge: फिल्म “दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे” (DDLJ), जिसे बॉलीवुड की सबसे सफल और आइकॉनिक फिल्मों में से एक माना जाता है, शाहरुख खान की करियर की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक है। इस फिल्म ने न केवल शाहरुख को एक सुपरस्टार बना दिया, बल्कि रोमांटिक हीरो के रूप में उनकी पहचान भी पक्की कर दी। हालांकि, शाहरुख खान को इस फिल्म में मुख्य भूमिका कैसे मिली, इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है।
फिल्म के निर्माण की शुरुआत
DDLJ के निर्माता-निर्देशक आदित्य चोपड़ा और उनके पिता यश चोपड़ा थे। यश चोपड़ा पहले से ही बॉलीवुड में प्रतिष्ठित निर्देशक थे, और उनके बैनर तले बनी फिल्मों को दर्शकों द्वारा खूब सराहा जाता था। आदित्य चोपड़ा, जो यश चोपड़ा के बेटे हैं, हमेशा से एक निर्देशक बनना चाहते थे। वह एक ऐसी फिल्म बनाना चाहते थे, जो उस समय की युवाओं की सोच, उनकी भावनाओं और उनके संघर्षों को सही तरीके से प्रदर्शित करे।
आदित्य चोपड़ा ने “दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे” का विचार सोचा और इसे एक आधुनिक रोमांटिक फिल्म के रूप में बनाने का निश्चय किया। यह फिल्म भारत की परंपराओं और पश्चिमी संस्कृति के बीच का एक सेतु बनकर उभरी। आदित्य की सोच थी कि यह फिल्म आधुनिक भारतीय युवा के दिल के करीब होगी, खासकर उन युवाओं के, जो विदेशों में बसे हैं लेकिन अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं।
राज मल्होत्रा की भूमिका: शाहरुख की एंट्री कैसे हुई?
DDLJ के लिए मुख्य किरदार राज मल्होत्रा के रूप में आदित्य चोपड़ा की पहली पसंद शाहरुख खान नहीं थे। दरअसल, आदित्य चोपड़ा इस रोल के लिए सैफ अली खान को लेना चाहते थे। सैफ उस समय इंडस्ट्री में एक उभरते हुए सितारे थे, और आदित्य को लगा कि सैफ का व्यक्तित्व इस किरदार के लिए एकदम सही रहेगा।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। सैफ अली खान ने इस भूमिका को मना कर दिया। इसके बाद आदित्य चोपड़ा ने कुछ और अभिनेताओं के बारे में सोचा, लेकिन किसी से भी बात नहीं बन पाई। आदित्य को राज के किरदार के लिए ऐसा अभिनेता चाहिए था, जो न केवल कूल और मॉडर्न हो, बल्कि भारतीय परंपराओं और मूल्यों से भी जुड़ा हुआ हो।
इसी दौरान आदित्य चोपड़ा ने शाहरुख खान को इस भूमिका के लिए अप्रोच किया। लेकिन यहां पर भी एक दिलचस्प मोड़ था। शाहरुख उस समय तक “डर”, “बाज़ीगर” और “अंजाम” जैसी फिल्मों में निगेटिव किरदार निभा चुके थे और उन फिल्मों में उनकी खलनायक की छवि बन गई थी। वह रोमांटिक हीरो के रूप में काम करने में बहुत दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे। शाहरुख को लगता था कि वह रोमांटिक हीरो के रूप में फिट नहीं होंगे और यह उनकी पर्सनालिटी से मेल नहीं खाता था।
आदित्य चोपड़ा की शाहरुख को मनाने की कोशिश
आदित्य चोपड़ा ने शाहरुख को राज के किरदार के बारे में समझाया और कहा कि यह रोल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आदित्य ने शाहरुख से कहा कि वह राज के किरदार को पूरी तरह से उनके ऊपर छोड़ रहे हैं और उन्हें यह फिल्म करने की पूरी आज़ादी मिलेगी। आदित्य चोपड़ा की इस दृष्टि और फिल्म की कहानी ने शाहरुख को प्रभावित किया। आखिरकार, शाहरुख ने इस फिल्म को करने के लिए हामी भर दी, हालांकि उन्होंने यह बात मज़ाक में कही कि “रोमांटिक हीरो बनना मेरे लिए बड़ा अजीब होगा।”
राज और सिमरन: भारतीय सिनेमा का आइकॉनिक कपल
DDLJ की कहानी राज और सिमरन की है। सिमरन का किरदार काजोल ने निभाया, और यह जोड़ी बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय जोड़ियों में से एक बन गई। फिल्म की कहानी बेहद सरल थी, लेकिन इसे जिस तरह से पर्दे पर प्रस्तुत किया गया, उसने दर्शकों का दिल जीत लिया।
फिल्म में राज एक मज़ेदार, बेपरवाह और खुले दिल वाला लड़का है, जो लंदन में पला-बढ़ा है, लेकिन वह भारतीय परंपराओं और संस्कारों का सम्मान करता है। वहीं, सिमरन एक पारंपरिक भारतीय लड़की है, जो अपने परिवार के मूल्यों और अपने सपनों के बीच उलझी हुई है। राज और सिमरन की मुलाकात यूरोप की एक ट्रेन यात्रा के दौरान होती है, और धीरे-धीरे दोनों के बीच प्यार पनपता है।
फिल्म की खूबसूरती यह थी कि इसमें प्यार को न केवल युवा जोड़े के दृष्टिकोण से दिखाया गया, बल्कि इसमें परिवार, परंपराओं और सम्मान का भी ध्यान रखा गया। यही कारण था कि यह फिल्म हर उम्र के दर्शकों को पसंद आई।
दिलचस्प फिल्म निर्माण की कहानियां
DDLJ के निर्माण के दौरान कई दिलचस्प घटनाएं हुईं। उदाहरण के लिए, फिल्म के कई दृश्यों को यूरोप में शूट किया गया था, जिसमें स्विट्ज़रलैंड और लंदन प्रमुख थे। राज और सिमरन का ट्रेन में मिलने का दृश्य अब बॉलीवुड का एक आइकॉनिक सीन बन चुका है।
शाहरुख और काजोल की केमिस्ट्री पर्दे पर इतनी स्वाभाविक थी कि लोग मानने लगे कि दोनों असल जिंदगी में भी एक-दूसरे से प्यार करते हैं। हालांकि, दोनों ने इसे हमेशा एक मजबूत दोस्ती बताया।
फिल्म का सबसे प्रसिद्ध डायलॉग “बड़े-बड़े देशों में छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं, सीनोरिटा” एक इम्प्रोवाइजेशन था, जो शाहरुख ने शूटिंग के दौरान बोला और यह डायलॉग बाद में बेहद लोकप्रिय हो गया।
DDLJ का ऐतिहासिक प्रभाव
जब 1995 में DDLJ रिलीज़ हुई, तो इसने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया। यह फिल्म न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी बड़ी हिट साबित हुई। खासतौर से एनआरआई (Non-Resident Indians) दर्शकों के बीच इस फिल्म ने गहरी छाप छोड़ी। यह फिल्म भारतीय मूल्यों और आधुनिकता के बीच का संतुलन दिखाने में सफल रही।
DDLJ को मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमा में 20 से अधिक वर्षों तक लगातार प्रदर्शित किया गया, जो एक विश्व रिकॉर्ड है। फिल्म की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि आज भी इसे देखकर दर्शकों के चेहरों पर वही मुस्कान आ जाती है, जो पहली बार फिल्म देखने पर आई थी।
शाहरुख का करियर और DDLJ
DDLJ ने शाहरुख खान को रोमांस के किंग का खिताब दिलाया। इस फिल्म के बाद, उन्होंने एक के बाद एक सुपरहिट रोमांटिक फिल्में दीं, जैसे “कुछ कुछ होता है”, “कभी खुशी कभी ग़म”, “मोहब्बतें” और “वीर ज़ारा”। शाहरुख ने साबित कर दिया कि वह न केवल एक वर्सेटाइल अभिनेता हैं, बल्कि रोमांस की दुनिया के बेताज बादशाह भी हैं।