Bhool Nahi Sakta Ye Sadma Lyrics – मोहरा | कुमार सानू

Bhool Nahi Sakta Ye Sadma Lyrics – मोहरा | कुमार सानू

Bhool Nahi Sakta Ye Sadma Lyrics –  भूल नहीं सकता ये सदमा गीत कुमार सानू द्वारा हाल ही में रिलीज़ किया गया मराठी गीत है जिसमें अक्षय कुमार और रवीना टंडन हैं। इसका संगीत विजू शाह ने दिया है जबकि भूल नहीं सकता ये सदमा गीत आनंद बक्शी कलाकार द्वारा लिखे गए हैं जो गीत की भावनात्मक गहराई को खूबसूरती से पूरा करते हैं। इश्तार म्यूजिक पर विशेष रूप से “काश कहीं ऐसा होता” की गीतात्मक गहराई का पता लगाने के लिए बने रहें

Bhool Nahi Sakta Ye Sadma Lyrics – मोहरा | कुमार सानू

भूल नहीं सकता ये सदमा

ऐ काश कहीं ऐसा होता
कि दो दिल होते सीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता
कि दो दिल होते सीने में
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
तकलीफ़ न होती जीने में
तकलीफ़ न होती जीने में

ऐ काश कहीं ऐसा होता
कि दो दिल होते सीने में

सच कहते हैं…
सच कहते हैं लोग के पी कर
रंज नशा बन जाता है
कोई भी हो रोग ये दिल का
दर्द दवा बन जाता है
आग लगी हो इस दिल में तो
आग लगी हो इस दिल में तो
हर्ज़ है क्या फिर पीने में
तो हर्ज़ है क्या फिर पीने में

ऐ काश कहीं ऐसा होता
कि दो दिल होते सीने में
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
तकलीफ़ न होती जीने में
तकलीफ़ न होती जीने में

भूल नहीं सकता ये सदमा
याद हमेशा आएगा
किसी ने ऐसा दर्द दिया जो
बरसों मुझे तड़पाएगा
भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के
भर नहीं सकते ज़ख्म ये दिल के
कोई साल महीने में
कोई साल महीने में

ऐ काश कहीं ऐसा होता
कि दो दिल होते सीने में
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
एक टूट भी जाता इश्क़ में तो
तकलीफ़ न होती जीने में
तकलीफ़ न होती जीने में
ऐ काश कहीं ऐसा होता
कि दो दिल होते सीने में।

Bhool Nahi Sakta Ye Sadma Lyrics

Ae kaash kahin aisa hota
Ki do dil hote seene me
Ae kash kahin aisa hota
Ke do dil hote seene mein
Ik toot bhi jaata ishq mein to
Ik toot bhi jata ishq mein toh
Takleef na hoti jeene mein
Takleef na hoti jeene me

Ae kash kahin aisa hota
Ke do dil hote seene mein

Sach kehte hai..
Sach kehte hain log ke pee kar
Ranj nasha ban jata hai
Koi bhi ho rog yeh dil ka
Dard dava ban jaata hai
Aag lagi ho iss dil mein toh
Aag lagi ho iss dil mein toh
Harz hai kya phir peene mein
Toh harz hai kya phir peene mein

Ae kash kahin aisa hota
Ke do dil hote seene mein
Ik toot bhi jata ishq mein to
Ik toot bhi jata ishq mein toh
Takleef na hoti jeene mein
Takleef na hoti jeene mein

Bhool nahi sakta ye sadma
Yaad hamesha aayega
Kisi ne aisa dard diya jo
Barson mujhe tadpayega
Bhar nahi sakte zakhm yeh dil ke
Bhar nahi sakte zakhm ye dil ke
Koi saal maheene mein
Koi saal maheene mein

Ae kash kahin aisa hota
Ke do dil hote seene mein
Ik toot bhi jata ishq mein to
Ik toot bhi jata ishq mein to
Takleef na hoti jeene mein
Takleef na hoti jeene me
Ae kash kahin aisa hota
Ke do dil hote seene mein.

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