साल 2001 में रिलीज़ हुई ब्लॉकबस्टर फिल्म “Gadar: Ek Prem Katha” ने न सिर्फ सनी देओल को फिर से स्टारडम की ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि एक नया चेहरा भी इंडस्ट्री को दिया और वो थीं अमीषा पटेल। दिलचस्प बात ये है कि अमीषा पटेल को साक्षात “साकीना” का रोल अचानक और बहुत ही अनपेक्षित तरीके से मिला।
कैरिश्मा कपूर थीं पहली पसंद
फिल्म के निर्देशक अनिल शर्मा इस प्रोजेक्ट के लिए एक बड़ा नाम चाहते थे। शुरू में करीना कपूर को फिल्म में लिया गया था और शूटिंग की तैयारी भी हो चुकी थी। लेकिन करीना ने बाद में फिल्म छोड़ दी क्योंकि वह अपनी पहली फिल्म “रिफ्यूजी” को लेकर ज्यादा फोकस में थीं और उन्होंने डेट्स की समस्या का हवाला दिया। बाद में कैरिश्मा कपूर को अप्रोच किया गया लेकिन बात नहीं बनी।
अमीषा पटेल को मिला एक बड़ा मौका
उसी दौरान अनिल शर्मा को किसी ने अमीषा पटेल की एक फोटो दिखाई। अमीषा तब तक एक न्यूकमर थीं और एक्टिंग में कोई अनुभव नहीं था। लेकिन उनकी सादगी, मासूमियत और शाही नज़ाकत अनिल शर्मा को इतनी पसंद आई कि उन्होंने तुरंत ऑडिशन बुलाया। अमीषा ने स्क्रीन टेस्ट में अपनी परफॉर्मेंस से सबको चौंका दिया। उनके बोलने का तरीका, चेहरे की मासूमियत और डायलॉग डिलीवरी देख कर निर्देशक को लगा कि यही असली ‘साकीना’ हैं।
तारीखें, ट्रेनिंग और ट्रैडिशन
अमीषा को साकीना के किरदार के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी। उन्हें उर्दू भाषा, लखनऊ की तहज़ीब और उस दौर की बॉडी लैंग्वेज को सीखना पड़ा। उन्होंने अपने किरदार के लिए क्लासिकल मूवमेंट्स सीखे ताकि उनका चाल-ढाल राजघराने की बेटी जैसा लगे। फिल्म में उनकी मासूमियत और दर्द को दर्शकों ने दिल से महसूस किया। सनी देओल जैसे भारी-भरकम हीरो के सामने भी अमीषा ने अपनी एक अलग छाप छोड़ी।
एक फिल्म और बदल गई ज़िंदगी
गदर ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड तोड़े और अमीषा पटेल रातोंरात स्टार बन गईं। एक इंटरव्यू में अमीषा ने कहा था कि उन्हें कभी अंदाजा नहीं था कि उनकी पहली फिल्म इतनी बड़ी हिट साबित होगी। उन्होंने बताया कि अनिल शर्मा का भरोसा और सनी देओल की सपोर्टिव नैचर ने उन्हें आत्मविश्वास दिया। फिल्म की रिलीज के बाद ‘साकीना’ घर-घर का नाम बन गई और अमीषा को कई बड़े ऑफर मिलने लगे।