1998 में रिलीज़ हुई फिल्म Jhooth Bole Kauwa Kaate अपने मज़ेदार संवादों और शानदार कलाकारों की वजह से आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई है। इस फिल्म का निर्देशन किया था ऋषि कपूर ने, जो खुद एक मंझे हुए अभिनेता रहे हैं। यह फिल्म ऋषि कपूर के निर्देशन में बनी पहली और आखिरी फिल्म थी। अनिल कपूर और जूही चावला की इस फिल्म में जो कॉमिक टाइमिंग देखने को मिली, उसका श्रेय फिल्म की दमदार स्क्रिप्ट के साथ-साथ कास्टिंग को भी जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म में अनिल कपूर को कैसे लिया गया?
ऋषि कपूर की पहली पसंद नहीं थे अनिल कपूर
दरअसल, इस फिल्म के लिए शुरुआत में ऋषि कपूर किसी और अभिनेता को लेने का सोच रहे थे। उन्होंने पहले आमिर खान और फिर शाहरुख खान से संपर्क किया था। परंतु दोनों अपनी दूसरी फिल्मों में व्यस्त थे और डेट्स नहीं दे पाए। इसके बाद ऋषि कपूर की नजर अनिल कपूर पर पड़ी। अनिल कपूर तब तक इंडस्ट्री में एक स्थापित अभिनेता बन चुके थे और उनकी कॉमिक टाइमिंग की भी काफी तारीफ होती थी। ऋषि कपूर को लगा कि अनिल इस रोल के लिए एकदम परफेक्ट रहेंगे।
अनिल कपूर ने क्यों की हां?
जब ऋषि कपूर ने अनिल कपूर को स्क्रिप्ट सुनाई, तो अनिल को इसकी कहानी बेहद दिलचस्प लगी। एक ऐसा किरदार जो अपने प्यार को पाने के लिए झूठ पर झूठ बोलता है और फिर मुसीबतों में फंस जाता है, यह उन्हें बेहद मज़ेदार और चुनौतीपूर्ण लगा। अनिल ने तुरंत हां कर दी क्योंकि उन्हें ऋषि कपूर का निर्देशन पसंद आया और साथ ही जूही चावला के साथ उनकी जोड़ी भी दर्शकों को पसंद आती थी। यह फिल्म एक हल्की-फुल्की फैमिली कॉमेडी थी, जो उस दौर में थोड़ी कम हो रही थी, इसलिए अनिल को यह फिल्म अलग और फ्रेश लगी।
सेट पर जूही और अनिल की मस्ती
फिल्म की शूटिंग के दौरान सेट पर काफी मस्ती होती थी। अनिल कपूर और जूही चावला के बीच दोस्ताना रिश्ता था और दोनों की हंसी-मजाक ने सेट का माहौल हल्का बनाए रखा। जूही खुद बहुत नेचुरल कॉमेडियन हैं और अनिल के साथ उनकी कैमिस्ट्री स्क्रीन पर भी बखूबी नज़र आई। कई बार सीन में दोनों खुद अपने डायलॉग्स में छोटे बदलाव करते थे जिससे और भी हंसी आती थी। निर्देशक ऋषि कपूर को ये एनर्जी पसंद आती थी।
फिल्म की खास बातें और अंतिम यादें
‘झूठ बोले कौवा काटे’ भले ही बॉक्स ऑफिस पर बहुत बड़ी हिट नहीं रही, लेकिन इसकी कॉमेडी, किरदार और संगीत को आज भी सराहा जाता है। यह ऋषि कपूर की इकलौती डायरेक्टेड फिल्म थी, जो उन्होंने बहुत प्यार और मेहनत से बनाई थी। यह फिल्म गुलज़ार द्वारा लिखी गई थी, और यह बात भी इसे खास बनाती है। अनिल कपूर का यह रोल आज भी उनकी यादगार कॉमेडी परफॉर्मेंस में गिना जाता है।