साल 1980 में ‘Ram Balram’ नाम की एक जबरदस्त एक्शन ड्रामा फिल्म बन रही थी। निर्माता निर्देशक चाहते थे कि फिल्म में दो बड़े सितारे हों जो दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच लाएं। एक तरफ अमिताभ बच्चन का नाम पहले ही तय हो चुका था लेकिन दूसरे हीरो के लिए तलाश जारी थी। कई नामों पर चर्चा हुई लेकिन धर्मेंद्र का नाम बार बार सामने आता रहा।
धर्मेंद्र क्यों थे निर्माता की पहली पसंद
धर्मेंद्र उस समय के सबसे बड़े एक्शन स्टार थे। उनके पास दमदार डायलॉग डिलीवरी और शानदार स्क्रीन प्रेजेंस था। जब फिल्म के निर्माता सलीम जावेद की जोड़ी से मिले तो उन्होंने धर्मेंद्र का नाम फाइनल करने का सुझाव दिया। उनका मानना था कि अगर धर्मेंद्र और अमिताभ एक साथ पर्दे पर आए तो फिल्म की सफलता तय है। यहीं से धर्मेंद्र की इस फिल्म में एंट्री पक्की हो गई।
धर्मेंद्र और अमिताभ की जोड़ी की जादूगरी
‘शोले’ में जय और वीरू बनकर इन दोनों ने जो धमाल मचाया था वो कोई नहीं भूल सकता। फिल्म ‘राम बलराम’ में भी उन्हीं की जोड़ी दोबारा देखने को मिल रही थी। इस बार भी दर्शकों ने इन्हें भरपूर प्यार दिया। धर्मेंद्र के एक्शन और अमिताभ की गंभीरता ने फिल्म को सुपरहिट बना दिया। दोनों की केमिस्ट्री ने परदे पर कमाल कर दिखाया।
रोल मिलने के पीछे की एक और खास वजह
धर्मेंद्र और निर्देशक विजय आनंद की दोस्ती भी इस रोल के पीछे एक अहम कारण बनी। धर्मेंद्र की प्रोफेशनलिज्म और काम के प्रति ईमानदारी को देखकर विजय आनंद ने बिना किसी टेस्ट के उन्हें साइन कर लिया। धर्मेंद्र ने भी स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद तुरंत हामी भर दी और कहा कि वे इस फिल्म के लिए पूरी जान लगा देंगे।
फिल्म के बाद धर्मेंद्र की लोकप्रियता का ग्राफ
‘राम बलराम’ की रिलीज के बाद धर्मेंद्र की लोकप्रियता और भी बढ़ गई। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया और धर्मेंद्र की फैन फॉलोइंग को नई ऊंचाइयां मिल गईं। इस फिल्म ने ये साबित कर दिया कि वे केवल एक्शन हीरो नहीं बल्कि एक बेहतरीन कलाकार भी हैं जो हर रोल में जान डाल सकते हैं।