Ranveer Singh को फिल्म “Bajirao Mastani” में कैसे मिला रोल, जानें फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

Ranveer Singh को फिल्म "Bajirao Mastani" में कैसे मिला रोल, जानें फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

Ranveer Singh, बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली और ऊर्जा से भरपूर अभिनेता हैं। उनकी फिल्मों में हर बार कुछ खास होता है, और ऐसा ही कुछ “Bajirao Mastani” के साथ भी हुआ। संजय लीला भंसाली की इस ऐतिहासिक ड्रामा फिल्म में रणवीर सिंह ने बाजीराव पेशवा का किरदार निभाया, जो भारतीय इतिहास के एक महान योद्धा और मराठा साम्राज्य के प्रमुख थे। फिल्म ने रणवीर के करियर को एक नई ऊंचाई दी, और उनके अभिनय को अपार सराहना मिली। लेकिन सवाल यह है कि रणवीर सिंह को यह रोल कैसे मिला? आइए जानते हैं फिल्म “बाजीराव मस्तानी” की दिलचस्प कहानी और रणवीर सिंह के इस किरदार तक पहुंचने का सफर।

संजय लीला भंसाली और रणवीर सिंह का पहला संपर्क

रणवीर सिंह ने अपने करियर की शुरुआत 2010 में फिल्म “बैंड बाजा बारात” से की थी, जो एक बड़ी हिट साबित हुई थी। इसके बाद उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया, लेकिन उनका नाम उस समय खासा चर्चा में आया जब उन्होंने फिल्म “गोलियों की रासलीला राम-लीला” में काम किया। यह फिल्म भी संजय लीला भंसाली द्वारा निर्देशित थी, और इस फिल्म में रणवीर का अभिनय बहुत सराहा गया। भंसाली को रणवीर की ऊर्जा और अभिनय का अंदाज बहुत पसंद आया था।

Ranveer Singh को फिल्म "Bajirao Mastani" में कैसे मिला रोल, जानें फिल्म की कुछ दिलचस्प कहानी

“गोलियों की रासलीला राम-लीला” के बाद ही संजय लीला भंसाली ने रणवीर सिंह को अपनी अगली फिल्म “बाजीराव मस्तानी” के लिए कास्ट करने का फैसला किया। भंसाली ने यह तय किया था कि बाजीराव के पात्र के लिए रणवीर सिंह ही सबसे उपयुक्त अभिनेता हैं। रणवीर की कड़ी मेहनत, उनके चरित्र में डूबने की क्षमता, और उनकी शारीरिक तैयारी ने उन्हें इस रोल के लिए बिल्कुल फिट बना दिया था।

फिल्म के लिए रणवीर की तैयारी

रणवीर सिंह ने “बाजीराव मस्तानी” के लिए अपनी भूमिका के प्रति पूरी प्रतिबद्धता दिखाई। बाजीराव पेशवा का किरदार बहुत चुनौतीपूर्ण था क्योंकि यह केवल एक योद्धा का किरदार नहीं था, बल्कि एक सशक्त और भावनात्मक रूप से जटिल व्यक्ति का भी किरदार था। रणवीर ने फिल्म के लिए खास शारीरिक ट्रेनिंग ली और एक ऐतिहासिक व्यक्ति की भूमिका में खुद को ढालने के लिए मानसिक रूप से तैयार हुए।

रणवीर सिंह ने बाजीराव के किरदार को जीने के लिए विशेष रूप से घुड़सवारी, तलवारबाजी और युद्धकला की ट्रेनिंग ली। इसके अलावा, फिल्म में उनकी शारीरिक संरचना को भी ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी बॉडी बिल्डिंग पर खास ध्यान दिया। बाजीराव का किरदार न केवल शारीरिक रूप से सशक्त था, बल्कि उसे एक भावनात्मक स्तर पर भी गहरे रूप से महसूस किया गया था। रणवीर ने अपने अभिनय में एक योद्धा के साहस, प्रेम में झुके हुए दिल, और एक नेता की जिम्मेदारी को बखूबी निभाया।

फिल्म की कहानी और रणवीर का योगदान

“बाजीराव मस्तानी” 18वीं सदी के मराठा साम्राज्य के प्रधानमंत्री बाजीराव पेशवा और उनकी पत्नी मस्तानी के अद्वितीय प्रेम कथा पर आधारित है। फिल्म में बाजीराव के संघर्ष, उनकी भावना, और उनका राजनीतिक जीवन भी दिखाया गया है। रणवीर सिंह ने बाजीराव के किरदार को बेहद सशक्त और संवेदनशील तरीके से निभाया। उनकी अभिनय क्षमता ने फिल्म को एक नई पहचान दी।

रणवीर का अभिनय इस फिल्म में उनके करियर के सबसे बेहतरीन अभिनय के रूप में देखा गया। फिल्म में उनकी तीव्रता, युद्ध के दृश्य, और मस्तानी (दीपिका पादुकोण) के साथ उनकी भावनात्मक संवादों ने उन्हें एक ऐतिहासिक भूमिका में ढाल दिया। फिल्म के संवाद, जैसे “हुम ने तुम्हारे जैसा कभी न देखा, न कभी होगा”, ने दर्शकों के दिलों को छुआ। रणवीर की भव्यता और साहसपूर्ण प्रदर्शन ने बाजीराव के किरदार को जीवंत कर दिया।

फिल्म के बाद की सफलता

“बाजीराव मस्तानी” 2015 में रिलीज हुई और यह एक बड़ी हिट साबित हुई। फिल्म को आलोचकों और दर्शकों से शानदार प्रतिक्रियाएं मिलीं, और रणवीर सिंह की अभिनय की प्रशंसा की गई। फिल्म ने ना केवल बॉक्स ऑफिस पर सफलता पाई, बल्कि फिल्मफेयर अवार्ड्स में भी कई पुरस्कार जीते। रणवीर को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया, और फिल्म की सफलता ने उनके करियर को और भी मजबूती दी।

रणवीर सिंह को “बाजीराव मस्तानी” में बाजीराव का किरदार कैसे मिला, यह उनके और संजय लीला भंसाली के बीच एक लंबी यात्रा का परिणाम था। उनकी मेहनत, अभिनय और प्रतिबद्धता ने उन्हें इस महत्वपूर्ण भूमिका का हिस्सा बनाया। इस फिल्म ने न केवल रणवीर के अभिनय कौशल को साबित किया, बल्कि उन्होंने यह भी दिखाया कि वह किसी भी भूमिका में खुद को ढाल सकते हैं। “बाजीराव मस्तानी” उनके करियर का एक मील का पत्थर साबित हुई और उन्होंने इस फिल्म में अपने अभिनय के साथ इतिहास को भी जीवंत कर दिया।

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