Bhool Bhulaiyaa: फिल्म “भूल भुलैया” बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय और यादगार फिल्मों में से एक मानी जाती है। 2007 में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि इसके किरदार, कहानी, और खासकर इसके हास्य-डरावने मिक्स ने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली। इस फिल्म में अक्षय कुमार और राजपाल यादव की भूमिकाओं को बहुत सराहा गया। दोनों कलाकारों ने अपनी बेहतरीन कॉमिक टाइमिंग और अभिनय कौशल से फिल्म को एक अलग ही ऊंचाई पर पहुंचा दिया। आइए जानें कि अक्षय कुमार और राजपाल यादव को इस फिल्म में कैसे रोल मिला और साथ ही कुछ दिलचस्प बातें जो फिल्म से जुड़ी हुई हैं।
“भूल भुलैया” की कहानी का संक्षिप्त परिचय:
फिल्म “भूल भुलैया” की कहानी एक पुरानी हवेली और वहां के रहस्यों के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फिल्म एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर और हॉरर-कॉमेडी का अनोखा मिश्रण है। फिल्म में अक्षय कुमार का किरदार एक डॉक्टर (डॉ. आदित्य श्रीवास्तव) का है, जो एक रहस्यमय मनोवैज्ञानिक समस्या से पीड़ित व्यक्ति की मदद के लिए आता है। राजपाल यादव ने एक चुलबुले और मनोरंजक चरित्र (छोटा पंडित) का रोल निभाया, जो फिल्म के हास्य पहलुओं को उभारता है। फिल्म का निर्देशन प्रियदर्शन ने किया था, जो हास्य फिल्मों के लिए प्रसिद्ध हैं।
अक्षय कुमार को रोल कैसे मिला:
अक्षय कुमार का रोल “भूल भुलैया” में एक ऐसा किरदार था, जो न केवल हास्य से भरा था, बल्कि फिल्म की गंभीरता को भी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। अक्षय कुमार को इस फिल्म में कास्ट करने के पीछे कई कारण थे:
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प्रियदर्शन और अक्षय का पुराना सहयोग:
प्रियदर्शन और अक्षय कुमार पहले भी साथ काम कर चुके थे, और दोनों के बीच एक अच्छी बॉन्डिंग थी। इससे पहले दोनों ने फिल्म “हेरा फेरी” और “गर्म मसाला” जैसी हिट फिल्मों में एक साथ काम किया था। इन फिल्मों में अक्षय की कॉमिक टाइमिंग और अभिनय कौशल ने उन्हें कॉमेडी जॉनर का एक प्रमुख चेहरा बना दिया था। प्रियदर्शन जानते थे कि अक्षय एक बेहतरीन अभिनेता हैं, जो हास्य और गंभीरता के बीच बैलेंस बनाए रखने में सक्षम हैं।
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अक्षय का वर्सेटाइल अभिनय:
अक्षय कुमार को लेकर फिल्म निर्माता और निर्देशक जानते थे कि वे किसी भी तरह के रोल में ढल सकते हैं, चाहे वह एक्शन हो, कॉमेडी हो, या फिर गंभीर भूमिका हो। “भूल भुलैया” में उनका किरदार एक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर का था, जिसे समझना और निभाना बेहद चुनौतीपूर्ण था। फिल्म में अक्षय का प्रवेश तब होता है जब कहानी में रहस्य और तनाव बढ़ चुका होता है, और उनका किरदार धीरे-धीरे सिचुएशन को हल्के हास्य और गंभीरता के साथ संभालता है।
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अक्षय की लोकप्रियता:
2000 के दशक के मध्य तक अक्षय कुमार की फैन फॉलोइंग बहुत बढ़ चुकी थी, और वे बड़े बैनर की फिल्मों का हिस्सा बन रहे थे। फिल्म के निर्माताओं को पता था कि अक्षय की उपस्थिति से फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर अच्छा रिस्पॉन्स मिलेगा, और यह सही साबित हुआ। अक्षय कुमार की इस फिल्म में उपस्थिति ने दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजपाल यादव को रोल कैसे मिला:
राजपाल यादव ने “भूल भुलैया” में छोटा पंडित का किरदार निभाया था, जो एक मजेदार और हास्य से भरपूर भूमिका थी। राजपाल यादव की कॉमिक टाइमिंग और उनके अनोखे अभिनय कौशल ने इस किरदार को बेहद यादगार बना दिया। उन्हें इस फिल्म में कास्ट करने के पीछे कुछ दिलचस्प बातें हैं:
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प्रियदर्शन की पसंद:
प्रियदर्शन ने पहले भी राजपाल यादव के साथ काम किया था, और उन्हें पता था कि राजपाल एक बेहतरीन कॉमिक एक्टर हैं। “हंगामा” और “हलचल” जैसी फिल्मों में राजपाल यादव ने अपनी कॉमेडी से लोगों को खूब हंसाया था। प्रियदर्शन चाहते थे कि “भूल भुलैया” में हास्य के साथ-साथ एक ऐसा किरदार हो, जो फिल्म के गंभीर माहौल में भी मनोरंजन का तड़का लगाए।
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राजपाल यादव की अनोखी कॉमिक टाइमिंग:
राजपाल यादव की कॉमिक टाइमिंग और उनका छोटा कद उनके किरदार को और भी मजेदार बनाता है। “छोटा पंडित” का किरदार एक धर्मपरायण और मजेदार व्यक्ति का है, जो फिल्म के महत्वपूर्ण दृश्यों में अपनी चुलबुली हरकतों से दर्शकों को हंसाता है। फिल्म में राजपाल का किरदार न केवल कॉमेडी का स्रोत है, बल्कि कहानी में एक अहम भूमिका निभाता है, जहां वह अक्षय कुमार के किरदार के साथ भी कुछ मजेदार सीन्स शेयर करता है।
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राजपाल यादव की बहुमुखी प्रतिभा:
राजपाल यादव को विभिन्न किरदारों में ढलने की क्षमता के लिए जाना जाता है। चाहे वह एक गंभीर रोल हो, या फिर कॉमिक रोल, वे हर किरदार में जान डाल देते हैं। “भूल भुलैया” में भी उन्होंने अपने अभिनय से साबित कर दिया कि वे बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ कॉमिक अभिनेताओं में से एक हैं।
फिल्म की कुछ दिलचस्प बातें:
- फिल्म का हॉरर-कॉमेडी जॉनर:
“भूल भुलैया” को हॉरर-कॉमेडी जॉनर में गिना जाता है, जो उस समय बॉलीवुड में एक नया ट्रेंड था। इससे पहले इस तरह की बहुत कम फिल्में बनी थीं, जो दर्शकों को डराने और हंसाने में एक साथ सफल रही हों। फिल्म ने दर्शकों को अपने अनोखे मिश्रण से प्रभावित किया, और यह प्रियदर्शन के निर्देशन कौशल का एक बेहतरीन उदाहरण थी।
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विद्या बालन का दमदार अभिनय:
फिल्म में विद्या बालन ने अवनी/मंजुलिका का किरदार निभाया था, जो एक मानसिक रूप से अस्थिर महिला का था। उनके किरदार ने फिल्म की पूरी कहानी को घेर लिया, और विद्या ने अपने अभिनय से इस किरदार को जीवंत बना दिया। फिल्म का सबसे चर्चित गाना “आमी जे तोमार” विद्या पर ही फिल्माया गया, जिसमें उनकी अदाकारी को बहुत सराहा गया।
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अक्षय और विद्या की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री:
अक्षय कुमार और विद्या बालन की जोड़ी को भी इस फिल्म में काफी पसंद किया गया। दोनों ने एक साथ कई महत्वपूर्ण और भावनात्मक दृश्यों को निभाया, जो दर्शकों को बांधे रखने में सफल रहे। विद्या का गंभीर और रहस्यमयी किरदार और अक्षय का हंसी-मजाक से भरा लेकिन बुद्धिमान डॉक्टर का किरदार फिल्म की आत्मा बन गए।
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राजपाल यादव और परेश रावल की कॉमिक केमिस्ट्री:
फिल्म में राजपाल यादव और परेश रावल के बीच के हास्य दृश्य भी बहुत लोकप्रिय हुए। दोनों के बीच का संवाद और अभिनय दर्शकों को खूब गुदगुदाता है। परेश रावल का बटुक महाराज का किरदार और राजपाल यादव का छोटा पंडित का किरदार मिलकर फिल्म में एक अलग ही हास्य का तड़का लगाते हैं।
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फिल्म का म्यूजिक:
फिल्म का म्यूजिक भी काफी हिट रहा, खासकर “हरे राम हरे कृष्ण” और “आमी जे तोमार” गानों ने खूब लोकप्रियता बटोरी। ये गाने आज भी दर्शकों के बीच खासे लोकप्रिय हैं और फिल्म की पहचान बने हुए हैं।